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. देवतामूर्ति-प्रकरणम् हो जाय तो देश और राजा को शुभकारक नहीं है। . During the course of a religious procession honouring the deities -- a Devtayatra - if the carriage, or axle, or wheel, or yoke, or the chariot's banner breaks or falls down for no reason; or if there is any transformation in any of them; or if they become powerless or loose movement, it is inauspicious for the kingdom and the king. (53). उत्पाद विशेष से व्यक्ति विशेष फल
ऋषिधर्मपितृब्रह्म-प्रोद्भूत-वैकृतं द्विजातीनाम्। यद्रुद्रलोकपालोद्भवं पशूनामनिष्टं तत् ॥५४॥
ऋषि, धर्म, पितर और ब्रह्मा इनकी मूर्तियों में उत्पन्न हुआ उत्पात द्विजाति (ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य) के मनुष्यों को अशुभ है। तथा महादेव और लोकपाल की मूर्तियों में उत्पन्न हुआ उत्पात पशुओं को अनिष्टकारक है।
It is inauspicious for the 'Twice-born' category (that is, the Brahmins, Kshatriya, Vaisya castes), if omens have been manifested through statues of sages (rishis), Dharma, ancestors (pitras), or Brahma. Similarly, it is unlucky for animals if the portents have been manifested through statues of Rudra (Siva) and the Lokapalas. (There are 8 Lokapalas or regents of the 8 cardinal points of the compass – Indra, Varuna, Vayu, Yama, Kubera, Agni, Ishan and Nairttrata. They are described in Chapter 4). (54). ..
गुरुसितशनैश्चरोत्यं पुरोधसां विष्णुजं च लोकानाम् । स्कन्दविशाखसमुत्थं माङ्गलिकं न नरेन्द्राणाम् ॥५५॥
गुरु, शुक्र और शनि देव की मूर्ति में उत्पन्न हुआ उत्पात पुरोहित को, विष्णु मूर्ति में उत्पन्न हुआ उत्पात लोगों को, तथा कार्तिकेय और विशाखदेव मूर्ति में उत्पन्न हुआ उत्पात राजाओं को अशुभ होता है।
Omens originating from statues of Guru (also called Brihaspati), Shukra and Shani (Jupiter, Venus and Saturn personified) are inauspicious for prièsts, and those from idols of Vishnu for the populace in general. Portents emanating from statues of Skanda and Vishakha are inauspicious for kings. (55).