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जनार्दन
देवतामूर्ति-प्रकरणम्
एक- मुखं' चतुश्चक्रं चतुश्चक्रो जनार्दनः ।
पूजनीयः सदा सौख्यमुक्तिदो नात्र संशयः ॥५२॥
एक मुख और चार चक्र वाली चार चक्र वाला जनार्दन शिला जानना । उसकी पूजा से वह हमेशा सुख और मुक्ति देने वाली है। उसमें संशय नहीं है
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A stone with four circles and one face. (mukham) is known as a four chakra Janardhan. Janardhan, without any doubt, grants happiness and salvation to worshippers. ( 52 ) .
कूर्म
कूर्माङ्कितास्तु ये चक्रा महासन्ततिदायकाः । महार्थकारका दिव्या हरिस्तत्र व्यवस्थितः ॥५३॥
जिस शिला में कछुवा के चिह्न वाले चक्र हों, तो वह महा संतति को देने वाली है और महा धनकारक है, ऐसी दिव्य शिला में हरि का निवास है ।
A stone which has a circle like a tortoise bestows mahasantati-the continuance of succeeding generations. Such a Kurma (tortoise) stone is the abode of Hari. Its worship also produces immense wealth. (53).
वराह
वराहमूर्त्तिसंयुक्तं यदि चक्रं प्रपद्यते ।
पूजनाल्लभते राज्यं पृथिव्यामेकराजकम् ॥५४ ॥
जो शिला वराह मूर्ति युक्त चक्र वाली हो, उसको पूजने से पृथ्वी में साम्राज्य प्राप्त होता है ।
If a stone carrying the image of a Varah idol with a circle is seen it should be worshipped to attain earthly kingdoms and domains. (54).
मु. एकमुखे
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