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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
grants kingdoms. A red one is Ajithkrodha and results in death. A black one is Narayana and bestows wealth. A bi-coloured one is Antak and brings misfortunes and disasters; while a multi-coloured stone with two circles is Anant and leads to the fulfillment of desires. (39, 40).
पद्मांकिता
एक चक्रान्विता' या तु दक्षिणावर्त्तसंस्थिता। ... चतुर्लाञ्छनसंयुक्ता भोगमोक्षप्रदा शुभा ॥४१॥ चक्रेण कम्बुना या च पद्मेन गदयांकिता। तत्र श्रीः प्रत्यहं तिष्ठेत् सर्वसम्पदमादिशेत् ॥ लाञ्छनेन विना या स्यात् प्रशस्ता तु न सा स्मृता ॥४२॥
जो शालिग्राम शिला एक चक्र वाली और दक्षिण आवर्त वाली हो. तथा चक्र, शङ्ख, पद्म और गदा ये चारों चिह्नों से युक्त हो तो उस शिला में आत्मा निरन्तर रहती है। वह सुख और मोक्ष को देने वाली है एवं सर्वसम्पदा को देने वाली है। परन्तु चारों चिह्न उसमें न हो तो प्रशंसनीय नहीं है।
A Shaligrama shila which has one çircle and is dakshin-avartan (turned clockwise) (? south facing) is auspicious and will grant joy, material prosperity and salvation if it bears the four marks of a chakra (disc or circle), a kambu (conchshell), a padma (lotus) and a gada (mace), all emblems of Vishnu. Such a stone is always the abode of the Almighty Soul. However, if any of these four signs are absent the stone is not worthy of veneration and worship. (41, 42).
हरि
चक्रं वा केवलं यत्र पद्मं वाप्यथवा गदा। लागलं वनमाला च हरिर्लक्ष्या सह स्थितः ॥४३ ॥
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मु. पद्मांकिता