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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
प्रलंबध्न, राम, वैकुंठ और विष्वक्सेन है, उनके पूजन का फल अनुक्रम से मोक्ष, मृत्यु, विवाद, दरिद्रता और परिभ्रमण जानना । अर्थात् एक चक्रवाली सफेद शिला पुंडरीक है। उसके पूजन का फल मोक्ष देने वाला है । एक चक्र वाली लाल शिला प्रलंबन है, उसका फल मृत्युदायक है । एक चक्र वाली काले रङ्ग की राम नाम की शिला है, उसका फल विवाद कारक है । एक चक्र वाली दो वर्ण की बैकुंठ नाम की शिला जानना, उसका फल दारिद्र कारक है। एक चक्र वाली अधिक वर्ण वाली शिला विष्वक्सेन है, उसका फल परिभ्रमण कराने वाली
जानना ।
White, red, black, two-coloured stones and multi-coloured stones, each with a single chakra or circle on it, are known as (37), Pundreeka, Pralambhagna, Rama, Vaikunth and Visvakasena respectively. Worshipping them (in the order cited) results in salvation, death, dispute and controversy, poverty and exile respectively. (38). (Thus worshipping the white shila with one circle called Pundreeka leads to salvation, the red one called Pralambhagna results in death, and so forth.)
दो चक्र वाली. शिला की पश्च संज्ञा
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चक्रे तु मध्यदेश स्यात्तामाख्यामि रमे ! श्रुणु । परमेष्ठ्यजितक्रोधस्तथा नारायणोऽन्तकः ॥ ३९ ॥ अनन्तश्चेति विज्ञेयो नानामूर्त्तिस्तु यो भवेत् । राज्यं मृत्युं धनं चैव हानिञ्च वाञ्छितार्थकम् ॥ ४० ॥
जिस शालिग्राम शिला के मध्य भाग में दो चक्र हो, वह सफेद वर्ण की हो, तो परमेष्ठी जानना, उसका फल राज देने वाली है। लाल वर्ण की हो तो अजितक्रोध जानना, उस का फल मृत्युकारक है । काले वर्ण की नारायण है, उसका फल धनदायक जानना । दो वर्ण की अंतक है, उसका फल हानिकारक जानना । अधिक वर्ण वाली अनंत शिला है, उसका फल वाँछित फल देने वाली है 1
Hear now about stones with two chakras on their central portions. A white shila with two circles is Parameshthi. This