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देवतामूर्ति-प्रकरणम् जिस शालिग्राम शिला के बाँयी तरफ चक्र और कृष्ण रङ्ग के बिन्दु हो वह लक्ष्मी और नरसिंह शिला है। वह सुख और मोक्ष के फल को देने वाली
है।
If a shila has a circle and a dark spot on its left side, know it to be Lakshmi-Narsingh, renowned for bestowing joy and salvation. (35). पुरुषोत्तम
सुवर्तुलं तथा पीतं पृष्ठे तु सुषिरं ध्रुवम्। . विदिक्षु दिक्षु सर्वासु मुखं यस्येव दृश्यतते ॥ . स देवदेवो विज्ञेयः पुराण: पुरुषोत्तमः ॥३६॥ •
जो शिला अच्छी तरह गोल और पीले वर्ण की हो, पिछले भाग में शङ्ख हो, सब दिशा और विदिशा में मुख दिखते हों, ऐसी शिला देवदेव पुराण पुरुषोत्तम
जानना।
A well-rounded yellow-coloured stone which has the mark of Vishnu-a conchshell (sushiram-dhruvam)-on its reverse, and which seems to be facing all directions, including the intermediate points of the compass, at the same time should be known as the venerable Devadeva Purana Purushottam revered by the gods and the sages. (36).
एक चक्र वाली की पञ्च संज्ञा
शुक्लो रक्तस्तथा कृष्णो द्विवर्णो बहुवर्णभाक् । एकचक्रस्य पञ्चैता: संज्ञा: पञ्च यथाक्रमम् ।३७ ॥ पुण्डरीक: प्रलम्बघ्नो रामो वैकुण्ठ एव च। . विष्वक्सेन इति ब्रह्मन् फलं चास्यार्चने शृणु। मोक्षं मृत्युं विवादं च दारिद्र्यमटनं तथा ॥३८॥
जो शालिग्राम की शिला सफेद, लाल, काली, दो वर्ण वाली और अधिक वर्ण वाली, ये पाँचों एक-एक चक्र वाली हों उनके पाँच नाम अनुक्रम से पुंडरीक,