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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
(iv) Nirtrati- Nirtrati, the Lord of the South-Western Quarter, holds a sword, a shield, a karttikam ( a small sword / or scissors), and a enemy's head in his hands. He has large teeth and a terrifying face. Nirtrati's mount is a hound. (62).
५. वरुण
वरदं पाशपद्मं च कमण्डलुं तथा करे ।
नक्रारूढं च कर्त्तव्यं वरुणं पश्चिमादिशि ॥ ६३ ॥
वरदान, पाश (फाँसी), कमल और कमण्डलु को हाथ में धारण करने वाला, मगर की सवारी करने वाला वरुण देव है । वह पश्चिम दिशा का स्वामी है ।
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(v) Varuna — With one hand in the varad-mudra of blessing, and holding a noose, a lotus and a kamandalu in the other hands, is Varuna, the Lord of the Western Quarter. His mount is a Nakra or crocodile. (63).
६. वायु—
वरं ध्वजपताकं च कमण्डलुं तथा करे ।
मृगारूढं प्रकर्त्तव्यं वायुदेवं मरुद्दिशि ॥ ६४ ॥
वरद मुंद्रा, ध्वजा, पताका और कमण्डलु को हाथ में धारण करने वाला, हिरण की सवारी करने वाला और वायु कोण का अधिपति वायु देव है /
(vi) Vayu-Vayu holds up one hand in blessing and possesses a dhvaja (flag), a pataka (banner; also a flag-standard) and a kamandalu in his other three hands. He rides on a deer, and is the Lord of the North-Western Quarter. (64).
७. कुबेर
गदा-निधि-बीजपूरं कमण्डलुं करे तथा ।
गंजारूढं प्रकर्त्तव्यं सौम्यायां धनदं दिशि ॥६५ ॥
गदा, निधिकुंभ, बीजोरा और कमण्डलु हाथ में धारण करने वाला, हाथी की सवारी करने वाला और उत्तर दिशा का अधिपति कुबेर देव है ।