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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
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पीतमाल्याम्बरधरं स्वर्णभूषाविभूषितम् ॥ ५१ ॥
वरदं खड्गसंयुक्तं खेटकेन समन्वितम् ।
गदया च समायुक्तं बिभ्राणं दोश्चतुष्टयम् ॥५२ ॥
अब बुध का स्वरूप कहता हूँ । सिंह पर बैठा हुआ, कनेर के पुष्प जैसी सफेद कान्ति वाला, पीले वर्ण की माला और पीले वस्त्र को धारण करने वाला, सुवर्ण के गहनों से शोभायमान, चार भुजाओं में क्रम से वरदमुद्रा, तलवार, ढाल और गदा को धारण करने वाला ऐसा बुध है ।
Budh-I (Mandan) shall now describe Budh, the planet Mercury. Seated on a lion, and possessing radiance like the flower of a Karnikara tree, Budh wears yellow clothes and a yellow garland, and is adorned with ornaments made of gold ( 51 ). One of his four hands (the lower right) is in the blessing mode-varad-mudra, while the others hold a sword (khadaga), a shield (khetaka ), and mace (gada) respectively. Budh removes confusion and delusions. ( 52 ).
गुरु और शुक्र
पीतो देवगुरुर्लेख्यः शुभ्रश्च भृगुनन्दनः । चतुर्भिर्बाहुभिर्युक्तश्चित्रकर्मविशारदैः ॥५३॥ वरदौ साक्षसूत्रौ च कमण्डलुधरौ तथा ।
दण्डिनौ च तथा बाहू बिभ्राणौ परिकल्पयेत् ॥५४ ॥
गुरु पीले वर्ण का और शुक्र श्वेत वर्ण का है, ये दोनों चार-चार भुजा वाले हैं। इन दोनों के हाथों में वरदमुद्रा, माला, कमण्डलु और दण्ड हैं । इस प्रकार चित्रकार्य में चतुर लोगों ने कल्पना की है।
Guru and Shukra Guru, the planet Jupiter, is yellow in colour, while Shukra, or Venus, is white. Both are portrayed by the wise as having four arms (53). Both hold one hand in the blessing position, and have a string of prayer-beads, a kamandalu, and a danda respectively in their other three hands. (54).