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.. . देवतामूर्ति-प्रकरणम् mind is that of resplendent Sudhama, holding lotuscs in both his upper hands, with a garland of blue lotus flowers in his lower right hand and a kamandalu in his lower left hand. (22)..
२. मित्रा
शूलं वामकरे यस्या दक्षिणे सोम एव च। मित्रा नामा त्रिनयना कुशेशयविभूषिता ॥२३ ॥ .
दूसरी मित्रा नाम की सूर्य की मूर्ति तीन नेत्र वाली है, उस के नीचे के बायें हाथ में त्रिशूल और दाहिना हाथ वरदमुद्रा युक्त है और ऊपर के. दोनों हाथ कमलों से शोभायमान है।
(ii) Mitra= The three eyed Mitra holds a shula (spèar) in his lower left hand and (?) the Soma plant /varad-mudra pose . in the lower right. Water-lilies adorn both his upper hands. ,(23). ३. आर्यमणी
प्रथमे तु करे चक्रं तथा वामे च कौमुदी। मूर्तिरार्यमणी ज्ञेया सपद्मौ पाणिपल्लवौ ॥२४॥
तीसरी आर्यमणी नाम की सूर्य की मूर्ति है, उसके दाहिने हाथ में चक्र और बाँयें हाथ में गदा है तथा ऊपर के दोनों हाथ कमलों से शोभायमान हैं।
(iii) Aryamani = The statue of Aryamani • depicts the Sun with a disc (chakra) in his lower right hand and a kaumudi mace in his left. The two upper arms are adorned with lotus blossoms. (24). ४. रौद्री
अक्षमाला करे यस्या वजं वामे प्रतिष्ठितम्। सा मूर्ती रौद्री ज्ञातव्या प्रधाना पद्मभूषिता ॥२५ ॥
चौथी रौद्री नाम की सूर्य की मूर्ति है। उसके दाहिने हाथ में अक्षमाला और बाँयें हाथ में वज्र है। ऊपर के दोनों हाथ कमल से शोभायमान हैं।