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देवतामूर्ति-प्रकरणम् .
___ (iv) Raudri = The Raudri form of Surya may be known by the string of prayer-beads held in the lower right hand and a vajra or thunder-bolt in the left, and lotuses adorning both the upper hands. (25). ५. वारुणी
चक्रं तु दक्षिणे यस्या वामे पाश: सुशोभन:। सा वारुणी भवेन्मूर्तिः पद्मव्याकरद्वया ॥२६ ॥
पाँचवीं वारुणी नाम की मूर्ति है, उसके दाहिने हाथ में चक्र और बाँयें हाथ में पाश है। ऊपर के दोनों हाथ कमलों से युक्त हैं।
(v) Varuni = The idol of Varuni is also glorious to behold. Varuna has lotuses in both of his upper hands, a chakra (disc) in the lower right hand and a noose (pash) in the left. (26).
६. सूर्यमूर्ति
कमण्डलुर्दक्षिणतोऽक्षमाला चैव वामतः । सा भवेत् सस्मिता सूर्य-मूर्तिः पद्मविभूषिता ॥२७॥
छठी सूर्य मूर्ति है कुछ हंसती हुई। उसके दाहिने हाथ में कमंडलु और बाँयें हाथ में अक्षमाला है। ऊपर के दोनों हाथ कमलों से शोभायमान हैं।
(vi) Surya= Holding a kamandalu in his lower right hand and an akshamala (string of prayer-beads) in his lower left, and with both hiš upper hands adorned with lotuses, is the gently smiling statue of Surya. (27). ७. भगमूर्ति
यस्यास्तु दक्षिणे शूलं वामहस्ते सुदर्शनम्। भगमूर्तिः समाख्याता पद्महस्ता शुभाय वै ॥२८॥
जिस मूर्ति के नीचे के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाँयें हाथ में चक्र है तथा ऊपर के दोनों हाथ कमल युक्त हैं। सातवीं सूर्य की भग नाम की मूर्ति