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. . देवतामूर्ति-प्रकरणम् हाथों में क्रम से माला, कमल, पुस्तक और दण्ड हैं। दाहिनी ओर जय नाम का द्वारपाल है। उसके हाथों में दण्ड, पुस्तक, कर्जा (यज्ञ करने की की) और फल
At the southern door, the door-keeper standing on the left is called Priyodbhava, while the one on the right is called Jaya or Yagna-jaya. Priyodbhava holds a string of prayer-beads, a lotus, a book and the rod of danda in his four hands, and Jaya possesses a danda, a book, the long-handled oblation spoon and fruit in his hands. (18). पश्चिम दिशा के द्वारपाल
अक्षसूत्रं गदाखेटं दण्डञ्च विजयनामकः । अधोहस्तापसव्येन खेटको यज्ञभद्रकः ॥१९॥
पश्चिम दिशा के बाँयी ओर विजय नाम का द्वारपाल है। उसके दाहिने नीचे के हाथ में अक्षसूत्र, गदा, ढाल और दण्ड हैं। दाहिनी तरफ यज्ञभद्र नाम का द्वारपाल है, उसके नीचे के बाँयें हाथ में क्रम सें ढाल, दण्ड, माला और गदा
The two door-keepers at the western door are known as Vijay and Yagnabhadraka. Vijay, standing to the left of the portal, holds a string of prayer-beads, a mace (club or gada), a khetam or shield (the term kheta' is also used for Balaram's club), and a danda respectively in his four hands (beginning from the lower right hand). Yagnabhadraka, standing to the right, holds a shield, danda, prayer-beads and mace in his hands (beginning from the lower left hand). (19).
उत्तर दिशा के द्वारपाल
अक्षपाशांकुशान् दण्डो भव: स्यात् सर्वकामदः ।
दण्डाकुंशपाशोत्पलं विभव: सर्वशान्तिदः ॥२०॥ 1. मु. विजयो दधत्।
मु. खड्गयुक्।