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देवतामूर्ति-प्रकरणम् कमलासननामाऽयं सर्ववर्णे हितप्रदः । कर्तृकारापकैः सार्धं लोहित: कमलासनः ॥४॥
ऋग्वेद आदि चार वेदों के भेद से, सत्ययुग आदि चार युगों के भेद से और ब्राह्मण आदि चारों वर्ण के भेद से कमलासन (ब्रह्मा) चार मुख और चार भुजा वाला है। उसके नीचे के दाहिने हाथ में माला और ऊपर के हाथ में होम करने का कर्जा, बाँहे ऊपर के हाथ में पुस्तक और नीचे के हाथ में कमंडलु है तथा लाल कमल के आसन पर बैठा हुआ है। यह कमलासन नाम का ब्रह्मा सब वर्गों को और इनकी मूर्ति करने वाले और कराने वाले को हितकारक हैं।
___ . Kamalasana has four heads and four arms; symbolic of the four Vedas (the Rig, Sama, Yajur and Atharva). The four. Yugas or Eras (Satyuga, Treytayuga, Dvaparyuga and Kalyuga); and four castes (Brahmin, Kshatriya, Vaisya and Sudra). (2).
__Kamalasana holds a string of prayer-beads (akshasutra) in his lower right hand and a Srucha- or the special long-handled spoon used for offering oblations to a sacrificial yagna fire, in his upper right, while his lower left hand possesses a book and the upper a kamandalu. (3).
Seated on a red lotus, this Kamalasana form of Brahma is beneficial for all the castes, and for those who make such idols as well as for those who have them
विरिंचिदेव
अक्षसूत्रं पुस्तकं च स्रुवा चैव' कमण्डलुः। विरिञ्चेश्च भवेन्मूर्ति: द्वापरे' स्यात् सुखदायिनी ॥५॥
विरिंचि नामक ब्रह्मा की मूर्ति के चारों भुजाओं में अनुक्रम से अक्षमाला, पुस्तक, होम करने की लकड़ी की कर्जा और कमण्डलु को धारण करने वाली है, वह द्वापर में सुखदायक है।
A Srucha is a wooden spoon or ladle with a long handle, usually made from the wood of the Palasa or Khadira trees. It is used for pouring ghee etc. on the sacrificial fire.
मु. कृते श्चैव मु. श्रुति
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