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समर्पण
प्रशान्तमूर्ति, परमपूज्य आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी महाराज ( छाणी) के प्रथम पट्टाचार्य पूज्य श्री 108 सूर्य सागर जी महाराज, द्वितीय पट्टाचार्य पूज्य श्री 108 विजय सागर जी महाराज, तृतीय पट्टाचार्य पूज्य श्री 108 विमलसागर जी महाराज (भिण्डवाले) चतुर्थ पट्टाचार्य मासोपवासी, समाधिसम्राट् पूज्य श्री 108 सुमतिसागर जी महाराज के शिष्य परमपूज्य आध्यात्मिक सन्त, सराकोद्धारक उपाध्याय श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज के कर कमलों में 'जैनन्याय को आचार्य अकलंकदेव का अबदान' कृति सादर समर्पित है।