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पद्मसरोवर देखा इससे आपका पुत्र संसार रूपी जंगल में पाप ताप से तपते हुए मनुष्यों का ताप हरेगा।
क्षीर समुद्र देखा इससे आपका पुत्र अधृष्य - नहीं पहुँचने योग्य होने पर भी लोग उसके पास जा सकेंगे।
विमान देखा इससे आपके पुत्र की वैमानिक देव भी सेवा करेंगे। रत्नपुंज देखा इससे आपका पुत्र सर्वगुण सम्पन्न रत्नों की खान के समान होगा। और
जाज्वल्यमान निर्धूम अग्नि देखी इससे आपका पुत्र अन्य तेजस्वियों के तेज को फीका करनेवाला होगा।
आपने चौदह स्वप्ने देखे हैं इससे आपका पुत्र चौदह राजलोक का स्वामी होगा।”
: श्री तीर्थंकर चरित्र : 309 :