________________
प्रशंसा की। संगम नाम का एक देव उसको न सह सका। उसने महावीर स्वामी को ध्यान से च्युत करना स्थिर किया। उसने १८ प्रतिकूल और २ अनुकूल उपसर्ग किये। प्रतिकूल उपसर्ग ये है।
१. धूल की बारिश बरसा कर उनको उसमें डुबो दिया। २. सूई के समान तीक्ष्ण मुखवाली कीडिया महावीर के शरीर पर लगा ... दी। उन्होंने शरीर को छलनी बना दिया। ३. प्रचंड डांस पैदा किये। उनके काटने से महावीर स्वामी के शरीर
में से गाय के दूध जैसा रक्त निकलने लगा। ४. 'उण्होला'' पैदा कीं। वे प्रभु के शरीर पर ऐसी चिपकं गयी कि
सारा शरीर उण्होलामय हो गया। ५. बिच्छू पैदा किये। उन्होंने तीक्ष्ण डंख मारे। . ६. नकुल (न्योले) पैदा किये। उन्होंने मांस काटा। ७. भयंकर सर्प पैदा किये। उन्होंने चारों तरफ से लिपटकर शरीर कों
कस लिया और फिर फन मारना आरंभ किया। ८. चूहे पैदा किये। वे प्रभु के शरीर को काटकर उस पर पेशाब करने
लगे। . ६. मदोन्मत्त हाथी पैदा किया। उसने सूंड में पकड़ पकड़कर महावीर
को उछाला। १०. हथिनी पैदा की। उसने भी बहुत प्रहार किये। ११. फिर उसने एक भयंकर पिशाच का रूप धारण किया। १२. फिर उसने वाघ का रूप धरा। १३. प्रभु के माता पिता पैदाकर, उनसे करुण विलाप कराया। १४. फिर एक छावनी बनायी। उसमें से लोगों ने महावीर स्वामी के पैरों
के बीच में आग जलायी और दोनों पैरों पर बर्तन रखकर रसोयी
बनायी। १५. फिर एक चांडाल बनाया। उसने प्रभु के शरीर पर नोचकर खानेवाले
पक्षी छोड़े। उन्होंने प्रभु के शरीर को नौचा। 1. एक प्रकार की कीड़ी। गुजराती में इसको घीमेल कहते हैं।
: श्री महावीर चरित्र : 242 :