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शासनरत्न प. पू. प्राचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. की शुभ निश्रा में श्री शान्तिनाथ जिनमन्दिर के निकट मुख्य रोड पर स्मृति मन्दिर का खनन व शिलान्यास संपन्न हुआ।
इसके साथ ही यहाँ के भव्य प्राचीन मन्दिरों की श्रृंखला में सर्वप्रथम ३७५ वर्ष प्राचीन श्री शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा वाले मन्दिर का जीर्णोद्वार करवाने का निर्णय कर संपूर्ण किया गया।
पूज्य गुरुदेव की महान् प्रेरणा से मूलनायक भगवान को स्थापित रखकर सम्पूर्ण मन्दिर का नवीन स्वरूप में निर्माण भव्यातिभव्य रूप से हो गया है।
संक्षेप में, मेड़ता नगर का इतिहास अनुकरणीय है। इस नगर की गौरव-गाथाएँ इतिहास-पटल पर स्वर्णाक्षरों में अंकित है। श्री शान्तिनाथ जिनालय एवं योगिराज श्रीमद् प्रानन्दघनजी गुरुमन्दिर की महामंगलकारी अंजनशलाका-प्रतिष्ठा जैन धर्म-दिवाकर परम पूज्य प्राचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. एवं पूज्य पंन्यासप्रवर श्री जिनोत्तम विजय जी गणिवर्य म. की शुभ निश्रा में वैशाख सुद-६ बुधवार, २८ अप्रेल, १६६३ के शुभ दिन भव्य समारोह पूर्वक सम्पन्न हुई है।
卐 जैनं जयति शासनम् ॥