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उववाइय सुत्तं सू० ४१
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There are five-organ animals with mind who haveattainments. They are the aquatics, those roaming on the earth and those who fly in the sky.
सिणं अत्यंगइयाणं सुभेणं परिणामेणं पसत्येहि अज्भवसाणेह लेसाहि विसुज्झमाणाहिं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहा वहमग्गणगवेसणं करेमाणाणं सण्णीपुव्वजाईसरणे समुप्पज्जइ ।
उनमें से कई जीवों के शुभ परिणाम - पुण्यात्मक अन्तःपरिणति, प्रशस्त अध्यवसाय — उत्तम मनः संकल्प, तथा विशद्ध होती हुई लेश्याओंअन्तः परिणतियों के कारण तदावरणीय - पूर्व जन्म की स्मृति के आवरक कर्मों के क्षयोपशम से ईहा - यह क्या है ? यों है या दूसरी तरह से है ? — इस प्रकार सत्य अर्थ के आलोचन में अभिमुख बुद्धि, अपोह - यह इस प्रकार है, ऐसी निश्चयात्मक बुद्धि, मार्गण - अन्वय धर्मोन्मुख चिन्तन-अमुक के होने पर अमुक होता है, इस प्रकार का चिन्तन, गवेषण व्यतिरेक धर्मोन्मुख चिन्तन - अमुक के न होने पर अमुक नहीं होता है। ऐसा चिन्तन करते हुए अपनी संज्ञित्व - अवस्था से पहले के भवों की स्मृतिजातिस्मरण ज्ञान उत्पन्न हो जाता है।
Of these, some have good luck, wholesome perseverence: and pure tinge, because of which they are able to exhaust or tranquilise their past karma, because of which, further, they acquire the knowledge and capacity to know about the true nature of things, about their being as well as non-being, and. therefrom, because of their being animals with a mind which helps them to recollect things done in previous births, they recover their memory of past lives.
तए णं ते समुप्पण्णजाइसरा समाणा सयमेव पंचाणुव्वयाई पडिवज्जति । पडिवज्जित्ता बहूहिं सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासेहिं अप्पाणं भावेमाणा बहूई वासाई आउयं पालेंति ।