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Uvavaiya Suttam Sa. 40
that many more may be fed. In that land, there is no dearth of valets and maids They are rich in their possession of cattle wealth. He will be born in one of these lines.
तए णं तस्स दारगस्स गन्भत्थस्स चेव समाणस्स अम्मापिईणं धम्मे दढा पतिण्णा भविस्सइ। सेणं तत्थ णवण्हं मासाणं बहुडिपुण्णाणं अट्ठमाणराइंदियाणं वीइक्कंताणं सुकुमालपाणिपाए जाव...ससिसोमाकारे कंते पियदंसणे सुरूवे दारए पयाहिति।
जब ( अम्बड़ ) उस शिशु के रूप में गर्भ में आयेगा ( उसके पुण्य प्रभाव से ) माता-पिता की धर्म में दृढ़ प्रतिज्ञा-आस्था होगी। वहाँ पूर्ण नौ महीने तथा साढ़े सात रात्रि-दिन व्यतीत होने पर बालक का जन्म होगा। उसके हाथ-पैर सुकोमल होंगे।...यावत् उसका आकार चन्द्रमा के समान सौम्य होगा। वह कान्तिमान, देखने में प्रिय तथा अत्यन्त रूपबान् होगा।
As soon as the boy enters into the mother's womb, his parents will be fully devoted to religion. Then on the completion of full nine months and seven and a half day-nights, till will be born a boy as graceful as the moon, dear and with a delight-giving look.
तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं काहिति । बिइयदिवसे चंदसूरदसणियं काहिति। छठे दिवसे जागरियं काहिति। एक्कारसमे दिवसे वीतिक्कते णिव्वित्ते असुइजायकम्मकरणे संपत्ते बारसाहे दिवसे अम्मापियरो इमं एयारूवं. गोणं गुणणिप्फण्णं णामधेनं काहिति--जम्हा णं अम्हं इमंसि दारगंसि गम्भत्यंसि चेव समाणंसि धम्मे दढपइण्णा तं होउ णं अम्हं