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________________ उववाइय सुत्तं सू० ३८ गौतम : तेसि णं भंते ! देवाणं केवइअं कालं ठिती पण्णत्ता ? महावीर : गोयमा ! चउदसवाससहस्सा ||७|| 213 गौतम : हे भगवन् ! उन देवों की स्थिति - आयु कितने समय की बतलाई गई है ? महावीर : इन देवों की स्थिति - आयुष्य - परिमाण चौदह हजार वर्ष का होता है ॥७॥ Gautama Bhante! How long is the span of their stay there? Mahāvira: Gautama | Fourteen thousand years. 7. गतपतिका ( प्रोषितभर्तृका ) आदि का उपपात Rebirth of women whose men have gone abroad and of others से जाओ इमाओ गामागर-ण यर-निगम-रायहाणि खेड-कब्बड - ब- दो मुह-पट्टणासम-संवाह -संनिवेसेसु इत्थियाओ भवंति । तं जहा -- अंतो अंतेउरियाओ गयपइआओ मयपइआओ बालविहवाओ छडितल्लिताओ माइरक्खिआओ पिअरक्खिआओ भायरक्खिओओ कुल• घररक्खिआओ ससुरकुलरक्खिआओ परूढ-गह मंसुकेस - कक्ख- रोमाओ ववगयपुप्फ गंधमल्लालंकाराओ अण्हाणगसे अजल्लमलपंकपरिताविआओ वगखीरद हिणवणीअसप्पितेल्ल गुललोणमहुमज्जमंसपरिचत्तकयाहाराओ अपिच्छाओ अप्पारंभाओ अप्यपरिग्गहाओं अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अप्पेणं आरंभसमारंभेणं वित्तिं कप्पेमाणिओ अकामबंभचेरवासेणं तमेव पइसेज्जं णाइक्कमइ । ताओ णं इत्थिआओ एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणीओ बहुई बासाई सेसं तं चेव जाव... चउसट्ठि वाससहस्साई ठिई पण्णत्ता ||८||
SR No.002229
Book TitleUvavaia Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rameshmuni
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1988
Total Pages358
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size20 MB
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