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Uvavaiya Suttam Su. 32
treasures, all useful objects, the whole army, the whole family, all endeavour, all decorations, all humility, all flowers, dresses, garlands and ornaments, all musical instruments, with a mighty. display of fortune, mighty display of objects, mighty strength, mighty family and innumerable musical instruments all playing simultaneously. There was a tremendous roar from conches and many instruments made from leather like dhol, nagādā, bheri, jhallari, kharamuki, hudukka, muraja, mrdanga and dundubhi. 31
जनता द्वारा कूणिक का अभिनन्दन व कूणिक द्वारा भगवान् की पर्युपासना
The people greets Kūņika and Kūņika worships the Lord
तए णं कूणिअस्स रण्णो चंपानगरि मझमज्झेणं णिग्गच्छमाणस्स बहवे अत्थयत्थिया कामत्थिआ भोगत्थिया किब्विसिआ करोडिआ लाभत्थिया कारवाहिया संखिआ चक्किया णंगलिया मुहमंगलिआ वद्धमाणा पुस्समाणवा खंडियगणा ताहिं इटाहिं कंताहिं पिआहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं मणोभिरामाहिं हिययगमणिज्जाहिं वग्गूहिं जयविजय-मंगलसएहिं अणवरयं अभिणंदता य अभिथुणंता य एवं वयासी-जय जय गंदा ! जय जय भद्दा ! भदं ते । अजियं जिणाहि जिअं ( च ) पालेहि । जिअमज्झे वसाहि। .
तब चम्पा नगरी के बीचों बीच से निकलते हुए कूणिक राजा को बहुत से अर्थार्थी या अभ्यर्थी-धनार्जन के अभिलाषी, कामार्थी-सुख अथवा सुन्दर रूप तथा मनोज्ञ शब्द के अभिलाषी, भोगार्थी--मनोज्ञ-सुखप्रद गन्ध, रस, स्पर्श आदि के प्राप्ति के अभिलाषी, लाभार्थी-मात्र भोजन आदि के अभिलाषी, किल्विषिक-भाण्ड आदि, कापालिक-खप्पर आदि को धारण करने वाले भिक्षु, कर बाधित-राज्य के कर आदि से कष्ट-व्यथा पाने वाले, . शांखिक-शंख बजाने वाले, चाक्रिक ---चक्र नामक शस्त्र के धारी या कुंभकार, लांगलिक-हल चलाने वाले कृषक या भट्ट विशेष, मुख-मांगलिक-खुशामदी