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________________ वाइ सुत्तं सू० ३० वहाँ — यानशाला में कर यानों के ऊपर का धूल की। प्रमार्जन -सफाई कर 145 आकर यानों का निरीक्षण किया। निरीक्षण पोंछी अर्थात् यानों की अच्छी तरह से सफाई यानों को वहाँ से हटाया। उन्हें वहाँ से बाहर निकाला। ( यानों को ) बाहर निकाल कर उनके दृष्य – आच्छादक वस्त्र — उन पर लगी हुई खोलियों को अलग किए । खोलियों को अलग कर यानों को सजाया । ( यानों को ) सुसज्जित कर उन्हें श्रेष्ठ आभूषणों से अलंकृत किया । हटाकर Having arrived there, he examined all the vehicles, wiped them clean and took them out. They were suitably placed together in one spot and their covers were removed. Then the vehicles were duly fitted with parts and accessories and gracefully decorated.. करेत्ता जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छइ । तेणेव उवागच्छित्ता वाहणाई पच्चुवेक्खेइ । पच्चुवक्खित्ता वाहणाई संपमज्जेइ । संपमज्जेत्ता वाहणारं णीणेइ । णीणेत्ता वाहणाई अप्फालेइ | अप्फालेता दुसे पवीणेइ । पवीणेत्तां वाहणाई समलंकरेइ । समलंकरेत्ता वाहणाई वरभंडकमंडियाई करेइ । करेत्ता वाहणाई जाणाई जोएइ । जोएत्ता पओदलट्ठि पओअधरे असमं आहइ । आहित्ता वट्टमग्गं गाहेइ । गाहेत्ता जेणेव बल वाउए तेणेव उवागच्छइ । उवागच्छित्ता बलवाउअस्स एअमाणत्तिअं • पच्चप्पिणइ ।. सुसज्जित कर, जहाँ वाहनशाला थी, वह वहाँ आया । आकर वाहन शाला में प्रवेश किया । प्रविष्ट होकर वाहनों ( बैल, अश्व आदि ) का संप्रमार्जन - अच्छी तरह सफाई की। उन पर लगी हुई धूल आदि को दूर कर उन्हें वाहनशाला से बाहर निकाला। बाहर निकाल कर उनकी पीठ थपथपाई। वैसा कर मच्छर आदि से रक्षा के लिये उन पर लगे आच्छादक वस्त्र - झूल आदि हटाये । आच्छादक वस्त्रों को 10
SR No.002229
Book TitleUvavaia Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rameshmuni
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1988
Total Pages358
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size20 MB
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