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उववाइय सुत्तं सू० २० : विणए सुअणाणविणए ओहिणाणविणए मणपज्जवणाविणए केवल णाणविणए। (से तं णाणविणए।)
वह ज्ञान विनय क्या है ? वह कितने प्रकार का है ?
ज्ञान विनय पांच प्रकार का बतलाया गया है : (१) आभिनिबोधिक ज्ञान--मति ज्ञान विनय, (२) श्रुत ज्ञान विनय, (३) अवधि ज्ञान विनय, (४) मनःपयि ज्ञान विनय, (५) केवल-ज्ञान विनय । इन पांच ज्ञानों की यथार्थता मानते हुए इनके लिये विनम्र भाव से यथाशक्ति पुरुषार्थ करना।
करना।
What is humility of knowledge ?
It has five types, viz., humility of perceptual knowledge, of scriptural knowledge, of extra-sensory knowledge, of telepathic knowledge and of absolute knowledge.
: से किं तं दंसणविणए ?
दसणविणए दुविहे पण्णत्ते । तं जहा-सुस्सुसणाविणए अणच्चासायणाविणए ।
वह दर्शन विनय क्या है ? उसके कितने भेद हैं ?
दर्शन विनय दो प्रकार का कहा गया है। वह इस प्रकार है : . (१) शुश्रूषणा विनय, (२) अनत्याशातना विनय ।
What is humility of faith ?
It has two types, viz., sugruşaņā-vinaya or undistorted fulfilment of faith and anatyāśātanā-vinaya or humility free from flaw.