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कलिकाल सश्रहिमचन्द्राचार्यविरचितम्
श्री सिद्धहेमचन्द्र
शब्दानुशासनम्
[ स्वोपज्ञलघुवृत्ति तथा गुणरत्नावृत्ति-संबलित ]
११ से २० पाद
गुणरत्नावृत्तिकार
परमपूज्य मुनिराज श्रीकमलरत्न विजयजी महाराज साहेब के शिष्यरत्न मुनिश्री दर्शनरत्नविजयजी म.
मुनिश्री विमलरत्नविजयजी म.
प्रकाशक
श्री जैन संघ
पो. पिण्डवाडा [राजस्थान] पिन ३०७०२२