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सावद्य प्रवृत्ति कभी साधु करता नहीं, कराता नहीं और अनुमोदन भी नहीं करता ।
एक जैनाचार्य ने पारसीओं की, एवं दूसरों की कालोनीयां देखी। मुझे जैनों की कालोनीयां बनानी है, जैन भोजनशाला, जैन हास्पिटल बनानी है, तो उन्होंने क्या-क्या किया उसका वर्णन नहीं हो सकता । पागल मत बनो ।
सुरत में भगवान् महावीर के नाम की हास्पिटल बनाई गई । उस समय उसके उद्घाटन के लिये मोरारजी भाई आये थे । उन्होंने टकोर की कि
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ऐसी हिंसक हास्पिटल भगवान के नाम से बनाई नहीं आ सकती, किसी अखबार वाले ने इस बात के अंशमात्र भी छापा नही ।
परम पूज्य अनेकान्ता -भासतिमिरतरणि वयाख्यान - वाचस्पति आचार्यदेव श्री विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महारजा