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________________ आयारदसा ३६ संवृत-आत्मा यथातथ्य स्वप्न को देखकर शीघ्र ही सर्व संसार रूपी समुद्र से पार हो जाता है, तथा शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के दुःखों से छूट जाता है ||३|| अल्प आहार करने वाले, अन्त-प्रान्तभोजी, विविक्त शयन - आसन-सेवी, इन्द्रियों का दमन करने वाले और षट्कायिक जीवों के रक्षक संयत साधु को देव दर्शन होता है ॥४॥ सर्वकाम भोगों से विरक्त, भीम-भैरव परीषह - उपसर्गों के सहन करने वाले तपस्वी संयत के अवधिज्ञान उत्पन्न होता है ॥ ५ ॥ जिसने तप के द्वारा अशुभ लेश्याओं को दूर कर दिया है उसका अवधिदर्शन अति विशुद्ध हो जाता है और उसके द्वारा वह ऊर्ध्वलोक, अधोलोक और सर्व तिर्यक्लोक को देखने लगता है || ६ || - सुसमाधियुक्त प्रशस्त लेश्यावाले, वितर्क (विकल्प) से रहित, भिक्षावृत्ति से निर्वाह करने वाले और सर्वप्रकार के बन्धनों से विप्रमुक्त साधुका आत्मा मन के पर्यवों को जानता है, अर्थात् मनः पर्यवज्ञानी हो जाता है ||७|| जब जीव का समस्त ज्ञानावरण कर्म क्षय को प्राप्त हो जाता है, तब वह केवली जिन होकर समस्त लोक और अलोक को जानता है ||८|| जब जीव का समस्त दर्शनावरण कर्मक्षय को प्राप्त हो जाता है, तब वह केवली जिन समस्त लोक और अलोक को देखता है ॥६॥ प्रतिमा ( प्रतिज्ञा ) के विशुद्धरूप से आराधन करने पर और मोहनीय कर्म के क्षय हो जाने पर सुसमाहित आत्मा सम्पूर्ण लोक और अलोक को देखता है ॥ १० ॥ जैसे मस्तक में सूची (सूई) से छेद किये जाने पर तालवृक्ष नीचे गिर जाता है, इसी प्रकार मोहनीय कर्म के क्षय हो जाने पर शेष सर्व कर्म विनष्ट हो जाते हैं ।। ११।। जैसे सेनापति के मारे जाने पर सारी सेना विनष्ट हो जाती है, इसी प्रकार मोहनीयकर्म के क्षय हो जाने पर शेष सर्व कर्म विनष्ट हो जाते हैं ||१२|| जैसे धूम - रहित अग्नि इन्धन के अभाव से क्षय को प्राप्त हो जाती है, इसी प्रकार मोहनीयकर्म के क्षय हो जाने पर सर्व कर्म क्षय को प्राप्त हो जाते हैं ॥ १३ ॥ जैसे शुष्क जड़वाला वृक्ष जल सिंचन किये जाने पर भी पुनः अंकुरित नहीं होता है, इसीप्रकार मोहनीयकर्म के क्षय हो जाने पर शेष कर्म भी उत्पन्न नहीं होते हैं ॥ १४ ॥
SR No.002225
Book TitleChed Suttani Aayar Dasa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanahaiyalalji Maharaj
PublisherAagam Anyoug Prakashan
Publication Year1977
Total Pages210
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashashrutaskandh
File Size13 MB
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