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छेदसुत्ताणि सूत्र ५१
प्र०-से किं तं पाणसुहुमे ? उ०-पाणसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा१ किण्हे, २ नीले, ३ लोहिए, ४ हालिद्दे, ५ सुक्किल्ले ।
अत्थि कुंथु अणुद्धरी नामं जा ठिया अचलमाणा छउमत्थाण निग्गंथाण वा, निग्गंथीण वा नो चक्खुफासं हव्वमागच्छइ ।
जा अठ्ठिया चलमाणा छउमत्थाण निग्गंथाण वा, निग्गंथीण वा चक्खुफासं हव्वमागच्छइ। ____जा छउमत्थेण निग्गंथेण वा, निग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाणियव्वा पासियव्वा पडिलेहियव्वा हवइ । से तं पाणसुहुमे ।(१) ८/५१
प्र०-भगवन् ! प्राणि-सूक्ष्म किसे कहते हैं ?
उ०-प्राणि-सूक्ष्म पाँच प्रकार के कहे गये हैं, यथा-१. कृष्ण वर्ण वाले, २. नील वर्ण वाले, ३. लाल वर्ण वाले, ४.:पीत वर्ण वाले, ५. शुक्ल वर्ण वाले ।
सूक्ष्म कुंथुए (पृथ्वी पर चलने वाले द्वीन्द्रियादि सूक्ष्म प्राणी) यदि स्थिर हों चलायमान न हों, छद्मस्थ निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थियों को शीघ्र दृष्टि गोचर नहीं होते हैं।
सूक्ष्म कुंथुए यदि अस्थिर हों, चलायमान हों तो छद्मस्थ निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थियों को शीघ्र दृष्टिगोचर हो जाते हैं।
ये प्राणी-सूक्ष्म छद्मस्थ निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थियों के बार-बार जानने योग्य, देखने योग्य और प्रतिलेखन योग्य हैं।
प्राणि-सूक्ष्म वर्णन समाप्त ।
सूत्र ५२
प्र०-से किं तं पणगसुहुने ? उ०-पणगसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा१ किण्हे, २ नीले, ३ लोहिए, ४ हालिद्दे, ५ सुक्किल्ले। अत्थि पणगसुहमे तद्दव्वसमाणवण्णे नामं पण्णत्ते।
जे छउमत्थेण निग्गंथेण वा, निग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाणियव्वे पासियव्वे पडिलेहियव्वे भवइ । से तं पणगसुहमे। (२) ।८/५२
प्र०-भगवन् ! पनक सूक्ष्म किसे कहते हैं ? उ.--पनक सूक्ष्म पाँच प्रकार के कहे गए हैं, यथा- १-५ कृष्ण वर्ण वाले यावत् शुक्ल वर्ण वाले ।
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