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________________ . .. [१८] उवएसरयणकोस २६९ उवसम स'वेगो वि . २५३ उस्सग्गेण निसिद्धाणि १३० १०६ गइ-इदिए काए गिहिलिंग-कुलिंगिय । गुरुकम्माण जियाण गुरुकारियाए केइ गुरुगुणरहिओ य इह गुरुदेवग्गहभूमीइ २०५ રક १७६ चउतीसअइसयजुओ चउभेय मिच्छत्त २४४ चउरो जम्मप्पभिई ७ चत्तारि अंगुलाई ४३ चरणकरणेहिं रहिओ २६२ चदादिपहवरसूरि २६६ चेहय-कुल-गण सधे चेइयव्वविणासे ५७ चेइयदव साहारणं च ५६ २६० एगम्मि उदगबिंदुम्मि २१९ एगविह-दुविह-तिविहा २०८ एगविह-दुविह-तिविह. २४९ एगस्स दुण्ह तिण्हव. २२० एगिदियसुहुमियरा २१० एयद्दोस विमुक्को जईण १२५ एय दसण सुद्धि एय भणिय समए ७४ एवं जिया आगमदिट्टि १०० एव पाएण जणा एवं विहपरिणामो एसा चउक्कसोही . . क . क केल्लि-कुसुमवुट्ठी कालाइदोसओ जइवि १७७ कालोचियजयणाए. १७२ किण्हा-नीला-काउ २२५ किं वा देइ. वराओ. १९६ कुग्गह कलकरहिया १७८ कुणमाणोवि निवित्ती २४६ कुणमाणो वि हि किरिय२४५ कुसुम-क्खय-धूवेहिं २४ केइ भणति भण्णइ केसिंचि य आएसो . १६९ छण्ह जीवनिकायाणं ७९ छव्वीहजीवनिकाओ विराहइ १६१ जइ खमसि तो नमिज्जसि१८८ जइवि हु सकम्मदोसा ९९ जम्हा न मोक्खमग्गे १०५ जस्सट्टा आहारो आरभो १२६ ज जीयमसोहिकर' १९३ ज जीय सोहिकर जन तयट्ठा कीय जाधज्जीव आगम खती य महव-अज्जव . ६४
SR No.002224
Book TitleHitopdeshmala evam Darshanshuddhi Prakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhanandsuri, Chandraprabhsuri, Kirtiyashvijay
PublisherNaginbhai Paushadhshala
Publication Year1983
Total Pages230
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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