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परिशिष्ट-२ दर्शनशुद्धि प्रकरण-गाथा-अकारादिक्रमः । . अ अक्खरु अक्खइ किंपिन इहइ १६० आऊतेऊवाउ. अगीयात्थादाइन्ने . २०० आणाए अवदृतं अच्चतं ददमि बीयंमि. १४ आयाणं जो भेजा अज्जवि तवसुसियंगा १८० आयार सुयसरीरे अज्जधि तिन्नपइन्ना १७९
आयाराइ अट्ट उ अज्जवि दय-खति १८२
आराहणाए तीए अज्जधि दयसंपन्ना
आलय-विहार-भासा अट्टाविहगणिसंपय
आसन्नसिद्धियाण अट्टविहं पि य कम्म -- १२ आहकम्मुद्देसिय अट्ठारस जे दोसा
आहारसरीरिंदिय २१६ अहामलयपमाणे अन्नाण-कोह-मय
इइ जाणिऊण एय अन्नाण-निरंतरतिमिर १५९ अन्नाणंधा मिच्छत्त
इत्थ य परिणामी खलु २५४ अन्नाभावे जयणाए
इय आगमविहिपुव्वं २९ अन्नोन्नतरियंगुलि
इय दहतियसंजुत्त ३६ अरहंति वंदण
इय पायं पुवायरिय २६७ अवगाहो आगासो
इयरेसु वि य पओसो १९९ अवहटु रायककुहाई
इहरा सपरुषघाओ २०१ असंखोसप्पिणि अहिगारि उ गिहत्थो
उक्कोस दव्यत्थय ८२ अहिगारिणा इमं खलु
उणत्त न कयाइवि १४१ अहिगारिणा विहीए २३ उहिट्टकड भुजइ १३८ अंगुलजोयणलक्खो
उन्नयमविक्ख जिन्नस्स २०३
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