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| चिन्तन हैम संस्कृत - भव्य वाक्य संग्रह
२४. उजवाती छे
२५. अतिशय छे
बल
२६. सादु छे जीवन
२७. कपायां छे
कांडां
(बहुव्रीहि )
दीपावली ज्यां एवं ते पावापुरी तीर्थ
जेमां
एवा
जेओनुं एवा एवी
जेना
२८. पलाय छे भाषासमिति जेना वडे एवी ते
२९. सुकाता नथी पांदडा
छे दिल
३०. उदार
३१. घणो
३२. सफेद छे बर्फ
३७. कपटी
३८.
शान्त
३९. पुण्यशाली
३३. फरकती छे ध्वजा
३४. कालो छे काँच
३५. तेज
छे बुद्धि
३६. सुखी
छ प्रजा
४०. मक्कम ४१. सफेद
४२. लीलां
४३. आनाथ
४४. भूरी ४५. मीठा
छ प्रकाश
छें मामा
छे स्वभाव
छे मातापिता
छे मन
छे बाल
छे पांदडां
छे बालको
छे आँखो
छे रसगुल्ला
४६. लाला छे रंग
४७. लाम्बो
४८. रहेली
४९. मीठो
छे काण्टो
छे माछलीओ
छे रस
•
जेना एवं
एवो
जेनुं
जेनो
जेमां
जेनी
ज़ेनो
जेनी
जेनी
ज़ेना
जेनो
एवो ते
एवो
एवं
एवा
एवो
| एवा
जेमां
जेनो
एवो
एवो
जेना
| एवा
जेनुं
एवा जेना एवो
to to to to to to to to to to to to te
जेना एवं
जेमां एवं
जेनी एवी
ज्यां एवो
जेनो एवी
जेमां
ते
to te
tete te te te te te te π FE π
एवं ते
एवो तो एवी ते
|परमात्मा
मुनिओ
कलावती
मुहपत्ति
रायणनुं वृक्ष
कर्ण
सूर्य
हिमालय
देरासर
चश्मा
९१
अभयकुमार
सत्यवादी
हरीशचन्द्र दुर्योधन | सरल स्वभावी
पुत्रो मुमुक्षुओ
बुढापो
झाड
अनाथाश्रम
बिलाडी
|जमणवार
चुंदडी
गुलाब
| सागर
केरी