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९० (बहुव्रीहि )
बहुव्रीहि
क्रम. विशेषण विशेष्य
१.
२.
३.
४.
अनन्त गुणो
छे रंग
छे आँखमां
छे प्रतिमा
छे सुगन्ध
छे डंको
छे गुस्सो
छे मरचां
लाल
आंसुं
शाश्वती
सारी
वागतो
तेज
तीखां
मटकालुं छे मुखडुं
छे स्वभाव
५.
६.
७.
८.
९.
१०. सरल
११. हसतुं
छे मुख
१२. सुन्दर छे पाँख
१३. आकर्षक छे रूप
१४. भयंकर छे अंधारुं
छे सुख
छे शक्ति
१५. अपार
१६. अनन्ती
१७. मोटो
१८. जडेलां
१९. ठण्डुं २०. मीठी छे वाणी
२१. लोहमय छे फ्रेम
छे महिमा
छे रत्नो
छे पाणी
२२. सुन्दर छे कोतरणी २३. कोमल
छे काया
चिन्तन हैम संस्कृत - भव्य वाक्य संग्रह
यद्नुं
योग्य
रूप
जेमना
ओनो
जेने
जेमां
जेमां
जेनो
जेनो
जेमां
जेनुं .
जेनो
जेमनुं
जेनी
तदनुं अन्यपद
प्रथ.
रूप
एवा
वा
एवीते
एवो
एवं
एवी ते
एवीते
एवां ते
एवी
ते
एवीते
एवा ते
एवो
ते
एवो ते
एवीते
जेनुं .
जेमां
जेमां
एवो
जेमनी
एवा
जेनो एवों
जेमां
जेमां
परमात्मा
पात्रा
राजुल
नन्दीश्वर द्वीप
गुलाब
घडियाल
नणन्द
भाजीयां
मूर्ति
| कौशल्या
बालमुनि
मोर
देव
नरक
मोक्ष
सिद्ध भगवन्त
गिरिराज
मोजडी
माटलुं
एवी ते
एवं ते जेमनी एवा ते
जेनी
एवा ते चश्मा एवुं ते देरासर जेनी एवं ते
जेनुं
नसलं
पू....म.सा.