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|७६ / (वर्तमान-कृदन्त) चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह
| संयम जीवन टकाववा माटे मोटी भयानक सजा पूरी भक्तिपूर्वक गोचरी लेवा माटे करीने पूज्य पिताश्री पासे भर तडकामां चालतो पगे आवीने पवित्र शरणमां प्रेम दाझतो मोटा महेलनी नीचे पूर्वक शीष झुकावीने दिल ऊभो रहेलो वेश्यानी नजरे खोलीने क्षमा मांगे छे अवतो पोताना संयम
वर्तमान-कृदन्त जीवनथी. चलित थतो मातानो करुण रुदन एवं
१. | दोडता हरणने जोईने सीता हसे पोकार सांम्भाली सुन्दर महेलथी उतरतो तत्काल
| गर्जतो सिंह मोढुं फाडे छे माताना पवित्र शरणमां पडतो
नाचती अप्सरा थाकी जाय छे दीलथी क्षमा मांगतो मातानी
४. | बोलती मेना वडे अटकाय छे आज्ञा पाळवा धग धगती
| नाचतो मोर कला करे छे शीला पर शुभ भावनाथी
| ६. | भीख मांगतो भीखारी रखडे छे मोक्षरूपी संथारो
७. | भक्ति करता मोर वडे हसाय छे (संस्तारक) करे छे । ८. | भसतुं कुत्तरं करडे छे | चोरी करतो महा पराक्रमी
दोडता काका पडे छे अपार लक्ष्मीने मेळववा माटे | १०. | भुंकतो गधेडो अलोटे छे। दोडतो मोटा दोरडा पर चढतो | ११. | नाटक करतो सूरज रखडे छे ऊंडी तिजोरीनी जाडी चावी
१२. | प्रदक्षिणा करतो मुकेश स्तुति
| बोले छे लईने मोटुं तालुं खोलतो सुन्दर आह्लाददायक नव
१३. | परमात्मानी पूजा करतो लखा घरेणा ले तो नवी
| नागकेतु कर्म खपावे छे कडकडती नोटोना मोटा
|लखतो मनिष धातु गोखे छे बंडल लईने जल्दीथी दोडतो
| प्रभुनी भक्ति करतो रावण पुलिसनी नजरे चडतो क्रोधी
| तीर्थंकर पद बाँधे छे इन्स्पेक्टर वडे पकडातो मोटी
१६. | चकडोलमां बेसेलो बालक ब्लु जीपकारमा बेसीने जेलमां
| रडे छे आवीने लखी रोटली खातो | १७. | दहेज लेतो ससरो हर्ष अनुभवे जेलतुं मुश्केल काम करतो
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