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चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (विशेषण-विशेष्य-कृदन्त) ७३||
नगरीमा (राजा) प्रजापाल महान् आचार्य पासे मोटा प्रजानुं सुन्दर अने न्यायथी | ग्रन्थना वाञ्चन करवानो थोडो पालन करतां पोतानी मोटी प्रयत्न करतां सारी सफलता | दिकरी मयणा अने नानी सुर-/
मेलवे छे सुन्दरीनी गुरुकुलमांथी ज्ञान २०.| त्यागी साधु मोटो तप करवा ध्यानमां केवी प्रवीण थई छे ? माटे मोटा आचार्य पासे ते नी परीक्षा करवा भर मन्त्रित वासक्षेप नखावीने दरबारमा प्रधानो सामन्तो लीला पार्श्वनाथ सामे लीली प्रजाजनो अने अन्तःपुर सहित . | नवकारवाडी लईने सफेद तारा मण्डलनी मध्यमां रहेला आसन पर बेसीने उत्कृष्ट चन्द्रनी जेम शोभतो एवो ते ध्यान धरे छे जात जातना चित्र विचित्र २१. सञ्जय लाल पेनथी सफेद प्रश्नोनी वृष्टि करे छे
बूक पर ब्लु शब्दोथी मोटुं नाना नाना बालको स्कूल नाम लखीने पुस्तक उपर जवा माटे लाल रंगनो रेईन सुन्दर सजावट करे छे कोट पहेरीने प्लास्टिकनी २२. | लाम्बी लाकडीने सहारे वृद्ध बेगमां प्लास्टिकना पूंठा वाली बुढिया सफेद साडी हाथमां पुस्तको भरीने वरसादी बुंट लईने महान् दीक्षार्थीने सुन्दर पहेरीने थोडाक बालको रंग भेट आपवाथी अति प्रसन्न बीरंगी छत्री लईने वरसादनी| थाय छे मजा मानता वाहनोना जोरे| २३.| चार बूक लईने लाम्बो उडता कादवना छांटाओथी| सुनील जाडा अध्यापक पासे बचता स्कूले जाय छे
आवीने गहन अर्थनी सुन्दर काली साडी पहेरीने लाम्बी विवेचना करे छे ललीता पाञ्चमी रुममांथी| २४. नीति सफेद साडी पहेरीने गरण पाणी लईने लाल नूतन दहेरासर जवा माटे तैयार घडामां भरीने नानी राखीने थईने स्वादिष्ट मिठाई अने | आपे छे
सरस फल लईने तथा सुन्दर मोटा उपाश्रयमां व्रतधारी| रुमाल लईने जल्दी जल्दी | श्रावक सफेद कटासणु लईने दहेरासर जईने प्रभुनु मटकालुं|