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चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (विशेषण-विशेष्य-कृदन्त) ७१ २. | परम पूज्य सरल स्वभावी घडामां मधुर गोरस लईने
आचार्य भगवन्त....सूरि म. वेश्याना विशाल भावन | सा.नी पावन निश्रामां नाना बे आगल लटकाली चालथी बालको पोताना पवित्र चालती गोरस ल्यो गोरस एम आत्माने मोक्षमां लई जवा ( बोलती) कोकिल कण्ठथी माटे भयंकर संसारने त्यजीने अवाज करती फरे छे अमूल्य चारित्र ग्रहण करवा | ५. | हॉस्पिटलमां समय पसार माटे ममतालु माता पासे | करवा माटे दर्दी रूमनी मोटी | आज्ञा मांगे छे.
बारीमा प्लास्टिकनी कुर्सी पर काला नेम कुमार किमती | बेठा बेठा सवारमा सूर्यना | वस्त्र आभूषणो धारण करीने | लाल किरणोने तेमज सामना सफेद घोडा वाला रत्न जडीत बगीचामां रमतां, खिलता रथमां बेसीने उग्रसेन राजानी लाल गुलाबी पीला पुष्पोने लाडली पुत्री राजुलने वरवा | |सुंघतां नाना बालकोने जुवे छे माटे जतां नाना पशुओनो| ६. घोर जंगलमां भयंकर क्रोधित करुण पोकार साम्भलीने सर्पने जोईने रूपालि राधा रोती राजलने मकी रथ पाछो | | अतिशय भयभीत थईने वालीने संयम ग्रहण करे छे पोताना मोटा भाईने जोरथी | परमात्मा वीरना शासनमां बूम पाडीने दोडीने जल्दी महान् आचार्यो भव्य जीवोने आववायूँ कहे छे प्रतिबोध करीने संयमनी ७. |विशाल स्कू लना मनोहर | उत्कृष्ट भावना जागृत करी| उद्यानमां नाना नाना मोह रूपी संसारने छोडी बालकोनी रमत अने एमनी समता धारक श्रेष्ठ जीवन मीठी मीठी तोतिली बोली बनाववानी प्रेरणा करे छे । साम्भलीने अध्यापक मनमां | सती नीलम देवी पोताना खुब ज आनन्द अनुभवे छे प्राणनाथ सुमतिने मेलववा अने बालकोने खुब सुन्दर | माटे सुन्दर स्वप्न अनुसार प्रोत्साहन आपे छे |गोवालणनो अद्भूत वेश | दयालु शेठ गरीब दुनियाना | धारण करी माथा उपर लाल माणसोने स्वादिष्ट भोजन अने