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४४. १
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह
(त्वा) | ४९|| | भगवान्ने केवल ज्ञान थयुं ६०. | राजा युद्ध करीने नगरमां | जाणीने देवता समवसरण | प्रवेश करे छे रचे छे
६१. | प्रजानुं सुख जोईने राजा ४५. | भगवान्नो विहार समय संतोष अनुभवे छे
जाणीने देवो नव सुवर्ण ६२. | राजा राणीने हार आपीने खुश कमल रचे छे
थाय छे ४६. | भगवान्नी दाढा लईने देवता| ६३. | प्रजा राजानी आज्ञा पालीने | जाय छे.
| राजानु गौरव वधारे छे | देवो दुर्गन्ध जोईने भागे छे । ६४. | राणी श्रृंगार सजीने राज| नन्दीश्वर द्वीप जईने देवो| | सभामां आवे छे
अट्ठाइ महोत्सव करे छे . ६५. | | प्रधाननी सलाह मेलवीने | देवो १० हजार वर्ष सुधी| | राजा कार्य करे छे · | नाटकजोईने उठे छे ६६. युद्धनो विचार करीने राजा ५०. स्कूलमां आवीने बालको सेनापतिने अश्व तैयार करवानुं भणे छे ..
| कहे छे ५१. बालको भणीने रमे छे . ६७. राजा युद्ध करीने जय पामे छे ५२. बालको रमीने नास्तो करे छे| ६८. राणी राजानी राह जोईने ५३. | पाठ करीने लेशन करे छे । थाकी गई . ५४. | लेशन वांचीने तेना अर्थ | ६९. | राणी पुत्रने जन्म आपीने | लखे छे
| प्रमोद करे छे ५५. | बालको स्कूलथी रीक्षामां| ७०. | दासी पुत्र जन्मनी वधामणी
बेसीने घेर जाय छे । |लईने राज सभामां आवे छे ५६. | बालको घेर जईने माता साथे | ७१. | राजा पुत्रने जोईने आनन्दित धमाल करे छे
थाय छे ५७. | बालको धमाल करीने रडे छे | ७२. | राजा राज कुमारने तैयार ५८. | बालको रड्या पछी जमवा| करीने मन्त्रीनी साथे परदेश | बेसे छे
| मोकले छे ५९. | राज-सभामां नर्तकी नृत्य | ७३. | सखियों ने मलीने राजकुमारी करीने इनाम मेलवे छे
महेलमां आवे छे .