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|| ४८ (त्वा)
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह १२. प्रफुल पुष्प लईने प्रभुने | २८. | शोभा फल जोईने खाय छे चढावे छे
२९. | मीरा धुंघरूं बांधीने नाचे छे १३. | बगीचानी हरियाली जोईने ३०. | डाक चोरी करीने दोडे छे हेतल हर्षित थाय छे
रूपा रूमाल लईने आवे छे | उद्यानमां बेसीने लोको शान्ति | | ते मानव भव पूर्ण करीने अनुभवे छे
देवलोकमां जाय छे | विदेशी लोको मैसूरना बगी-| ३३. | देवता विमानमां बेसीने भ्रमण |चाने जोईने आश्चर्य पामे छे करे छे रीटा उद्यानमां जईने रमे छे ।
| तीर्थंकरनो जन्म थयो जाणीने जीनल बीनलने गुलाब | देव सुघोषा घंट वगाडे छे विणीने आपे छे
३५. | चोसठ इन्द्र प्रभुने लईने मेरु रामू पैसा लईने बजार जाय छे
| पर्वत उपर जाय छे । कपिल दुकानमां जईने कपडां| ३६. अप्सराओ नृत्य करीने देवोने जोवे छे
| रीझवे छे | अल्पेश कपडां जोईने भाव | ३७. | देवता वैक्रिय रूप करीने करे छे
रेवतीनी परीक्षा करे छे |तरुण भाव करीने कपडां| ३८. | हरीणगमैषी इन्द्रनी आज्ञा लईने खरीदे छे
| त्रिशलानो गर्भ बदले छे अरुण कपडां पहेरीने स्कूल ३९. | सौधर्म देवने वचन आपीने जाय छे
हरिणगमेषी मनुष्य जन्म ले छे पीस्ता बजारमा जईने बदाम | भगवान नी सहन शीलता खरीदे छे
| सांभलीने देव परीक्षा करे छे कमला कारमा बेसीने गाम | ४१. | देरासरमां देवो आवीने जाय छे
नाट्यरंभ करे छे शेठ दुकानमां बेसीने वेपार ४२. देवो देवीओ- रूप जोईने करे छे
हरण करे छे | भरत वस्तु तोलीने आपे छे | ४३. | भगवान्नुं च्यवन कल्याणक नीता पुस्तक लईने विचार करे | जाणीने इन्द्र शक्रस्तव बोले