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|५० (त्वा)
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह | राजानी आज्ञा लईने राजसूत्र गोखे छे कुमारी महेलमांथी उद्यानमा ८९. श्रावको उपाश्रयमां आवीने जाय छे
मनिओने कामली वहोरावे छे | राज कुमारीना लग्न करावीने | ९०. विमला उपाश्रयमां जईने बेसे राणीनी चिन्ता राजा दूर करे छे युवराजने पदवी आपीने राजा | ९१. बेसीने म.सा.ने वन्दन करे छे हर्षित थाय छे . |९२. सोनल सामायिक लईने स्वाराणीनी पीडा जोईने राजाध्याय करे छे .. मुच्छित थाय छे ९३. बहेनो उपाश्रयमां आवीने राजाने मुर्छित जोईने मन्त्रीओ व्याख्यान सांभले छे वैद्योने बोलावे छे ९४. भाईओ उपाश्रयमां आवीने मयंक सवारे उठीने नवकार बोली बोले छे मन्त्र गणे छे
९५. काजल उपाश्रयमां आवीने अमे आवश्यक क्रिया करीने प्रतिक्रमण करे छे | देरासरमां जईए छीए |९६. संघ उपाश्रयमां आवीने संघ
ते शिखरने जोईने नमो पूजन करे. छे ... जिणाणं कहे छे
९७. उपाश्रयमां आवीने बहेनो प्रभु दर्शन करीने स्तुति बोले | निन्दा करे छे
| ९८. उपाश्रयमां आवीने सीता भावेश मुखकोश बाँधीने | स्मरण गणे छे पूजा करे छे । ९९. उपाश्रयमा जईने बेनो भावना नीला अष्ट प्रकारी पूजा करीने | भावे छे कर्म खपावे छे |१००. उपाश्रयमां आवीने बनो केसर घसीने वाटकी भरे छ| पौषध करे छे संघ उपाश्रय आवीने चोमा- |१०१. खेडुत दाणा लावीने वावे छे सानी विनंती करे छे |१०२. दीपक बळीने प्रकाश आपे छे साहेब उपाश्रयमां आवीने १०३. उंदर बिलाडीने जोईने भागे छे
संस्कृत बूक आपे छे १०४. बालक मयूरने जोईने नाचे छे ८. सोनल उपाश्रयमां आवीने १०५..धर्मी पापने जोईने कम्पे छ ।