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________________ चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (सः) सः २९. ते (सूर्य) तपे छे ३०. |ते (शीतलता) आपे छे | ते फेलाय छे ३१. ते राज्य करे छे २. ते तजे छे | ते गांडो थाय छे ३. ते कम्पे छे | ते जन्म पामे छ |ते रहे छे | ते नाशे छे ते विसामो ले छे | ते प्रकाशे छे |ते उडे छे , . | ते तपे छे |ते हर्ष पामे छे ते बले छे | ते तिरस्कार करे छे . ते दीपे छे ते आदेश करे छे ३९. ते उडे छे ते (अहीं) मस्त छ ४०. ते वसे छे ते वरसे छे . ते बेसे छे १२. | ते प्रवेश करे छे ४२. | ते नमे छे ते सुकाय छे | ते भणे छे ते खेद पामें छे | ते बोले छे ते वन्दन करे छे ते रक्षण करे छे ते अटकतो नथी ते फरे छे. ते पोषण करे छे ते चाले छे ते उल्लंघन करे छ ४८. |ते जय पामे छे ते थाकी जाय छे ४९. | ते जोखे छे ते लोभ करतो नथी ते रचे छे ते राज्य करे छे | ते क्रीडा करे छे . ते सेवा करे छे ५२. |ते तरे छे ते वखाणे छे ५३. | ते जाप करे छे | ते जुवे छे ५४. | ते जमे छे ते शिखर पर आरूढ थाय छे| | ५५. | ते दोडे छे २६. ते (लागणी) अनुभवे छे ।। | ५६. | ते सरके छे ते (आकाशमां) झबके छ | ते (धन) भेगुं करे छे M:19*9931 पि
SR No.002223
Book TitleChintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaresh L Kubadiya
PublisherHaresh L Kubadiya
Publication Year2005
Total Pages134
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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