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चिन्तन हैम संस्कृत धातु रूप कोश [८१ ] शुभ · गण-१ आत्म. शोमj, .
दीपना, चमकना कर्तरि
कर्मणि शोभे शोभावहे शोभामहे शुभ्ये शुभ्यावहे शुभ्यामहे शोभसे शोभेथे शोभध्वे. शुभ्यसे शुभ्येथे शुभ्यध्वे शोभते . शोभेते शोभन्ते शुभ्यते शुभ्येते शुभ्यन्ते अशोभे अशोभावहि अशोभामहि ||अशुभ्ये अशुभ्यावहि अशुभ्यामहि अशोभथाः अशोभेथाम् अशोभध्वम् |अशुभ्यथाः अशुभ्येथाम् अशुभ्यध्वम् अशोभत अशोभेताम् अशोभन्त अशुभ्यत अशुभ्येताम् अशुभ्यन्त । शोभेय शोभेवहि शोभेमहि शुभ्येय शुभ्येवहि शुभ्येमहि शोभेथाः शोभेयाथाम् शोभेध्वम् शुभ्येथाः शुभ्येयाथाम् शुभ्यध्वम् शोभेत शोभेयाताम् शोभेरन् शुभ्येत शुभ्येयाताम् शुभ्येरन्
शोभावहै शोभामहै शुभ्यै . शुभ्यावहै शुभ्यामहै शोभस्व शोभेथाम् शोभध्वम् शुभ्यस्व शुभ्येथाम् शुभ्यध्वम् शोभताम् शोभेताम् शोभन्ताम् शुभ्यताम् शुभ्येताम् शुभ्यन्ताम् [८२ सेव् गण-१ आत्म. सेव, सेवा ४२वी.
सेवा करना, भक्ति करना
सेवे सेवावहे सेवामहे ||सेव्ये सेव्यावहे सेव्यामहे सेवसे सेवेथे सेवध्वं सेव्यसे सेव्येथे सेव्यध्वे सेवते सेवेते . सेवन्ते सेव्यते सेव्यते सेव्यन्ते असेवे असेवावहि असेवामहि असेव्ये असेव्यावहि असेव्यामहि असेवथाः असेवेथाम् असेवध्वम् असेव्यथाः असेव्येथाम् असेव्यध्वम् असेवत असेवेताम् असेवन्त ||असेव्यत असेव्येताम् असेव्यन्त (सेवेय सेवेवहि सेवेमहि सेव्येय सेव्येवहि सेव्यमहि सेवेथाः सेवेयाथाम् सेवेध्वम् ||सेव्येथाः सेव्येयाथाम् सेव्यध्वम् सेवेत सेवेयाताम् सेवेरन् । सेव्येत सेव्येयाताम् सेव्येरन्
सेवामहै ||सेव्यै सेव्यावहै सेव्यामहै सेवस्व - सेवेथाम् सेवध्वम् । ||सेव्यस्व सेव्येथाम् सेव्यध्वम् सेवताम् सेवेताम् सेवन्ताम् । ||सेव्यताम् सेव्येताम् सेव्यन्ताम्