________________
(८०)
एक आने के टिकिट भेज देने मात्र से हम यह दवा भेजते हैं, जिसे भोजन करते समय पास रखने पर मक्खियां नहीं सताती।" लोगों ने उसके पास एक-एक आने के टिकिट भेजे । विज्ञापक ने उन टिकिटों में से तीन पैसे के टिकिट तो अपनी जेब में रखे और एक पैसे के कार्ड पर टिकिट भेजने वालों को उत्तर दे दिया-"आप भोजन करते समय एक हाथ हिलाते जाइये, फिर मक्खियां नहीं सता सकतीं।"
-- . मतलब यह है कि आज के कानूनों से असभ्य चोरियों की संख्या चाहे कम हो गई हो, परन्तु सभ्यता की ओट में होने वाली चोरियों की संख्या में तो वृद्धि ही सुनी जाती है । असभ्य उपायों से चोरी करने वाले को राज्य भी दण्डित करता है और समाज भी घृणा की दृष्टि से देखता है, परन्तु इन सभ्य उपायों से चोरी करने वाले को न तो राज्य ही दण्ड देता है और न समाज में ही घृणित माना जाता है । हां, ऐसी चोरी करने वाला समाज में 'चतुर' या 'होशियार' अवश्य कहलाता है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि आज संसार का अधिकांश समाज चोरी के पाप में पड़ा हुआ है।
चोरी करने वालों को दण्ड देने वालों में से भी, बहुतों के लिये सुना जाता है कि वे स्वयं घूसादि के नाम पर हजारों लाखों की चोरी करते हैं । स्वयं तो इतनी बड़ी बड़ी चोरी करें और दूसरों को रुपये आठ आने की चीज चुराने पर भी दण्ड दें, यह कैसे उचित कहला सकता है ? चोरों को दण्ड देते समय उन्हें अपना विचार नहीं पाता । वे इस बात को नहीं देखते कि हम जब ऐसी बड़ी बड़ी चोरी करते हैं, तब हमको इस छोटी चोरी करने वाले