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के चलाने के लिये पर्याप्त होने के साथ ही इस लोक और परलोक दोनों जगह सुखदाता होगा, लेकिन असत्य के व्यापार का ज्यादा लाभ भी दोनों ही जगह दुःखप्रद सिद्ध होगा ।
किसी के विरुद्ध, समाचार-पत्रों में झूठे लेख लिखने, tosबिल छपवाने आदि का तो आजकल फैशन सा हो गया है । प्रायः लोग इसी में अपनी विद्वत्ता समझने लगे हैं । ऐसा करने वाले इस बात को बिल्कुल भूल जाते हैं कि इस असत्य कार्य का उस लोक में क्या परिणाम होगा । उस लक को भूलने के साथ ही उन्हें यह भी ध्यान नहीं रहता कि हमारे इस झूठ के खुलने पर इस लोक में भी कैसे निन्द्य समझे जाएंगे और लोगों का हम पर कितना प्रविश्वास हो जायगा ।
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इस प्रतिचार को बताने का तात्पर्य यह है कि उस लेखन - कार्य से जो झूठ की परिभाषा में आता है- बचा जाय । किसी असत्य कार्य को असावधानी या झूठ से कर डालने में भी अतिचार है । प्रतएव प्रत्येक कार्य में सावधानी रखने की प्रावश्यकता है ।