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___ एक धनी युवक कुसंगति में पड़ कर अनेक दुर्व्यसनों का शिकार हो गया । शराबपीना, वैश्यागमन आदि अनेक दोष उसमें थे । जब उसके माता-पिता समझाकर हार गये तो वे उस युवक को लेकर एक महात्मा की शरण में गये । महात्मा ने बड़े प्यार से समझाकर उस युवक से कहा कि मेरे कहने से केवल एक बात छोड़ दे और वह यह कि झूठ मत बोला कर । यूवक ने देखा कि इसमें कोई हर्ज नहीं है। इस बात को मान लेने से अपने कार्यों में तो किसी प्रकार की बाधा न होगी। यह विचार कर उसने झूठ न बोलने की प्रतिज्ञा ले ली।
स्वभावानुसार वह शराब पोने चला, परन्तु तत्काल ही उसे विचार हुआ कि यदि मुझ से कोई पूछेगा 'तुम कहां गये थे ?' तब मैं क्या उत्तर दूगा ? झूठ न बोलने की तो प्रतिज्ञा कर ही चुका था, इसलिए शराब पीने नहीं गया और बैठा रहा । इसी प्रकार प्रतिज्ञा के भय से उसके सब दुर्व्यसन छूट गये और वह शुद्ध हो गया ।