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उद्भव और विकास
अ. २ : साधना और निष्पत्ति
पच्छा पभाए सामी सावत्थिं गतो। तत्थ सामी बाहिं पडिमं ठितो।
निकाल दिया।
प्रातःकाल वहां से प्रस्थान कर महावीर श्रावस्ती गए। नगर के बाहर प्रतिमा में स्थित हो गए।
महावीर के पैरों का झुलसना ३७.ताहे सामी हलेदुता णाम गामो तं गतो। तत्थ श्रावस्ती से महावीर हलेदुता ग्राम में गए। वहां बहुत महतिमहप्पमाणो हलेदुगरुक्खो। तत्थ सावत्थिओ बड़ा हलेदुक नाम का वृक्ष था। श्रावस्ती नगरी से जाने
गरीओ अन्नो लोगो एंतो तत्थ वसति वाला एक सार्थ उस वृक्ष के पास ठहरा। महावीर वहां सत्थनिवेसो। तत्थ सामी पडिमं ठितो।
प्रतिमा में स्थित थे। तेहिं सत्थिएहिं रत्तिं सीयकाले अग्गी जालिओ। ते सार्थ ने रात्रि के समय सर्दी से बचने के लिए अग्नि पभाए संते उठेत्ता गया। सो अग्गी तेहिं न जलाई। प्रातःकाल होते ही सार्थ वहां से चला गया। विज्झाविओ।
उन्होंने अग्नि को नहीं बुझाया। सो डहंतो-डहंतो सामिस्स पासं गतो। सो भगवं ___ अग्नि प्रज्वलित होती हुई महावीर के निकट पहुंच परितावेति। गोसालो भणति-भगवं णासह नासह। गई। महावीर तक ताप पहुंचने लगा। गोशालक ने एस अग्गी एइ।
कहा-भगवान् ! यहां से चलें, चलें। इधर अग्नि आ रही
सामिस्स पावा डड्ढा। गोसांलो गट्ठो।
___महावीर वहीं खड़े रहे। उनके पैर झुलस गए। ' - गोशालक चला गया।
. ३८.ततो गंगला गाम गामो। तत्थ गतो सामी
वासुदेवघरे पडिमं ठितो।
महावीर नंगला ग्राम गए। वासुदेवगृह में प्रतिमा में स्थित हो गए।
. ३९.ततो पच्छा आवत्ता णाम गामो। तत्थवि सामी
इमं ठितो बलदेवस्स घरे।
नंगला से विहार कर महावीर आवर्त ग्राम में आए। बलदेवगृह में प्रतिमा में स्थित हो गए।
४०.ततो पच्छा चोरायनामं संनिवेसं गतो। तत्थ
घडाभोज्जं तहिवसं रज्झति य पच्चति य। सामी य एगते पडिमं ठितो।
महावीर चोराक सन्निवेश में गए। उस दिन वहां गोठ थी। स्थान-स्थान पर खाद्य सामग्री रांधी और पकाई जा रही थी। महावीर एकांत में जा प्रतिमा में स्थित हो गए।
मेघ और कालहस्ती ४१.पच्छा ते कलंबुगं गता। तत्थ दो पच्चंतिया भायरो 'मेहो य कालहत्थी य।
सो कालहत्थी चोरेहिं समं उद्धाइओ। इमे य दुयगे पेच्छति। ते भणंति के तुब्भे ? सामी तुसिणीओ अच्छति। ते तत्थ हम्मंति, ण य साहेतित्ति। तेण ते बंधिऊण
महावीर कलंबुक ग्राम में पहुंचे। वहां सीमांत पर रहनेवाले दो भाई थे। उनका नाम था मेघ और कालहस्ती।
कालहस्ती चोरों के साथ जा रहा था। उसने मार्ग में महावीर और गोशालक को देखा।
उन्हें पूछा-तुम कौन हो? महावीर मौन रहे। महावीर के मौन से उत्तेजित हो वह उन्हें पीटने लगा। उसने उन