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आत्मा का दर्शन
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खण्ड-२
२. श्रेयांस
१. सिद्धत्थे ति वा। २. सेज्जंसे ति वा। ३. जसंसे ति वा।
१. सिद्धार्थ ३. यशस्वी
श्रमण भगवान महावीर की माता वाशिष्ठगोत्रीय थी। वह तीन नामों से संबोधित की जाती थी
१७.समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अम्मा
वासिट्ठ-सगोत्ता। तीसे णं तिण्णि णामधेज्जा एवमाहिज्जति तं जहा१. तिसला ति वा। २. विदेहदिण्णा ति वा। ३. पियकारिणी ति वा।
२. विदेहदत्ता
१. त्रिशला ३. प्रियकारिणी
१८.समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पित्तियए सुपासे
कासवगोत्तेणं।
श्रमण भगवान महावीर के चाचा का नाम सुपार्श्व था।
१९.समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जेठे भाया
णंदिवद्धणे कासवगोत्तेणं।
श्रमण भगवान महावीर के ज्येष्ठ भ्राता का नाम नंदीवर्धन था।
२०.समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जेठाभइणी
सुदंसणा कासवगोत्तेणं।
श्रमण भगवान महावीर की ज्येष्ठ भगिनी का नाम सुदर्शना था। ये सभी काश्यपगोत्रीय थे।
२१.समणस्स णं भगवओ महावीरस्स भज्जा जसोया
कोडिण्णगोत्तेणं।
श्रमण भगवान महावीर की पत्नी का नाम यशोदा था। वह कौडिन्यगोत्रीय थी।
२२.समणस्स णं भगवओ धूया कासवगोत्तेणं। तीसे णं दो णामधेज्जा एवमाहिज्जंति१. अणोज्जा ति वा। २. पियदसणा ति वा।
श्रमण भगवान महावीर की पुत्री काश्यपगोत्रीय थी। उसे दो नामों से संबोधित किया जाता-था
१. अनवद्या । २. प्रियदर्शना
श्रमण भगवान महावीर की दौहित्री कौशिकगोत्रीय थी। उसे दो नामों से संबोधित किया जाता था
२३.समणस्स णं भगवओ महावीरस्स णत्तई
कोसियगोत्तेणं। तीसे णं दो नामधेज्जा एवमाहिज्जति, तं जहा१.सेसवती ति वा। २. जसवती तिवा।
१. शेषवती
२. यशस्वी
महावीर के माता-पिता का देहत्याग
२४.समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अम्मापियरो पासावच्चिज्जा समणोवासगा यावि होत्था। ते णं बहुइं वासाइंसमणोवासगपरियागं पालइत्ता.... भत्तं पच्चक्खाइत्ता अपच्छिमाए मारणंतियाए सरीर- संलेहणाए सोसियसरीरा कालमासे कालं किच्चा तं सरीरं विप्पजहित्ता अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववण्णा।
श्रमण भगवान महावीर के माता-पिता भगवान पार्श्व की परंपरा के श्रमणोपासक थे। उन्होंने बहुत वर्षों तक श्रमणोपासक धर्म का पालन कर अंतिम समय में अनशन पूर्वक शरीर का त्याग किया और अच्युत कल्प में देवरूप में उत्पन्न हए।