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प्रायोगिक दर्शन
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युद्ध और मनोदशा
२२. तओ परिसजाया पण्णत्ता, तं जहाजुज्झित्ता णामेगे सुमणे भवति । जुज्झित्ता णामेगे दुम्मणे भवति । जुज्झित्ता णामेगे णोसुमणेदुम्मणे भवति ।
२३. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
जुज्झामीतेगे सुमणे भवति । जुज्झामीतेगे दुम्मणे भवति । जुज्झामीतेगे णोसुमणे णोदुम्मणे भवति ।
२४. तओ परिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
जुज्झिस्सामीतेगे सुमणे भवति । जुज्झिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति । जुज्झिस्सामीतेगे णोसुमणे• गोदुम्मणे भवति ।
२५. तओ परिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
अजुज्झित्ता णामेगे सुमणे भवति । अजुज्झित्ता णामेगे दुम्मणे भवति । अजुज्झित्ता णामेगे गोमणे - गोदुम्मणे भवति ।
२६. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा
जुज्झामीतेगे सुमणे भवति । ण जुज्झामीतेगे दुम्मणे भवति । ण जुज्झामीतेगे णोसुमणे णोदुम्मणे भवति ।
अ. ११ : विश्वशांति और निःशस्त्रीकरण
पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं
१. कुछ पुरुष युद्ध करने के बाद सुमनस्क होते हैं। २. कुछ पुरुष युद्ध करने के बाद दुर्मनस्क होते हैं। ३. कुछ पुरुष युद्ध करने के बाद न सुमनस्क होते हैं, और न दुर्मनस्क होते हैं।
पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं
१. कुछ पुरुष युद्ध करता हूं इसलिए सुमनस्क होते हैं।
२. कुछ पुरुष युद्ध करता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं।
३. कुछ पुरुष युद्ध करता हूं इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं।
पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं
१. कुछ पुरुष युद्ध करूंगा इसलिए सुमनस्क होते हैं।
२. कुछ पुरुष युद्ध करूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं।
३. कुछ पुरुष युद्ध करूंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं।
पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं
१. कुछ पुरुष युद्ध न करने पर सुमनस्क होते हैं। २. कुछ पुरुष युद्ध न करने पर दुर्मनस्क होते हैं। ३. कुछ पुरुष युद्ध न करने पर न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं।
पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं
१. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करता हूं इसलिए सुमनस्क होते हैं।
२. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं।
परिस्थितियों का प्रभाव सब मनुष्यों पर समान नहीं होता है। एक ही परिस्थिति मानसिक स्तर पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करती है। प्रस्तुत प्रसंग में युद्ध की स्थिति उत्पन्न होने पर होनेवाली विभिन्न मानसिक स्थितियों का चित्रण है।