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________________ आत्मा का दर्शन भवति । २७. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहाण जुज्झिस्सामीतेगे सुमणे जुझा भवति । जुज्झिस्सामीतेगे णोमणे - णोदुम्मणे भवति । दु ण ण २८. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा जत्ता णामेगे सुमणे भवति । जइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति । जइत्ता णामेगे णोसुमणे - णोदुम्मणे भवति । २९. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा जिणामीतेगे सुमणे भवति । जिणामीतेगे दुम्मणे भवति । जिणामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति । ५७६ ३०. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहाजिणिस्सामीतेगे सुमणे भवति । जिणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति । जिणिस्सामीतेगे णोसुमणेदुम्मणेभवति । ३१. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा अजइत्ता णामेगे सुमणे भवति । अजइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति । अजइत्ता णामेगे णोसुमणे णोदुम्मणे भवति । ... खण्ड - ४ ३. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करता हूं इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं १. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करूंगा इसलिए सुमनस्क होते हैं। २. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं। ३. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करूंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं १. कुछ पुरुष जीतने के बाद सुमनस्क होते हैं। २. कुछ पुरुष जीतने के बाद दुर्मनस्क होते हैं। ३. कुछ पुरुष जीतने के बाद न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं १. कुछ पुरुष जीतता हूं इसलिए सुमनस्क होते हैं। २. कुछ पुरुष जीतता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं। ३. कुछ पुरुष जीतता हूं, इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं १. कुछ पुरुष जीतूंगा इसलिए सुमनस्क होते हैं। २. कुछ पुरुष जीतूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं। ३. कुछ पुरुष जीतूंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। पुरुष के तीन प्रकार प्रज्ञप्त हैं १. कुछ पुरुष जीतने पर सुमनस्क होते हैं। २. कुछ पुरुष जीतने पर दुर्मनस्क होते हैं। ३. कुछ पुरुष जीतने पर न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं।
SR No.002210
Book TitleAatma ka Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Vishva Bharti
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year2008
Total Pages792
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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