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निरयावलिका)
(१४७ )
[वर्ग-प्रथम
संजोवेहि धर्हि, समुक्खित्तेहि, सरहिं, समुल्लालिताहिं डावाहि, ओसारियाहिं उरुघंटाहि, छिप्पतूरेणं वज्जमाणेणं, महया उक्किट्ठसोहनायबोलकलकलरवेणं समद्दरवभूयं पिव करेमाणा सविड्ढोए जाव रवेणं हयगया हयगहि, गयगया गयगहि, रहगया रहगहि, पायत्तिया पायलिएहिं, अन्नमन्नेहि सद्धि सपलग्गा यावि होत्था ॥१०॥
छाया-तप्तः खलु ते द्वयोरपि राज्ञोरनीके सन्नद्धा यावद्-गृहीतायुधप्रहरणे मङ्गतिकः फलकः निष्कासितैरसिभिः, अंशगतैस्तुणैः, सजीवर्धनुभिः समुक्षिप्तः शरैः, समुल्लालिताभिः डावाभिः, अवसारिताभिः उरुघण्टाभिः, क्षिप्रतूरेण वाद्यमानेन महता उत्कृष्टसिंहनादबोलकलकलरवेणं समुद्ररवभूतमिव कुर्वाणे सर्वऋद्धया यावद् रवेण हयगताः हयगतैः, गजगताः गजगतैः, रथगताः रथगतः, पदातिका पदातिकः, अन्योन्यः साद्धं संप्रलग्नाश्चाऽत्यभूवन् ।।६०॥
पदार्थान्वयः-तएणं-तत्पश्चात्, ते दोण्हं वि राईणं-उन दोनों राजाओं की, अणोयासेना, सन्नद्धा-सज कर कवच आदि पहन कर, जाव-यावत्, गहियाउहपहरणा-प्रहारक प्रायुध ग्रहण करके उन्होंने, मंगतिएहि-ढालों से, फलहि-फलकादि से, म्यान से बाहिर निकाली, निकट्टाहि-छोटे आकार के, असीहि-खड़गों से, अंसागएहि- स्कन्ध पर रखे, तोहितणीरों से, सजीवेहि-खिची हुई डोरी वाले, धणहि समुक्खितेहि-धनुष को ऊंचा करके फेंके गए बाणों से, सरहिं समुल्लालियाहि-शिरों को उछालने से; डवाहि ओसारियाहि-बायीं भुजा ऊंची करके बर्थी आदि ऊंची करने से, ऊरुघण्टाहि छिप्पतरेणं-हाथी घोड़ों आदि की जंघाओं से जो धुंघरू बांधे होते हैं उनके स्वर से, वज्जमाणेणं-वाद्य-यन्त्रों की ध्वनियों से, महया-बड़े, उक्कट्ठसोहनाय वोलकलकलरवेणं- उत्कृष्ट सिहनाद के समान, गर्जनाओं से, समुद्दरवभूयं पिव करेमाणासमुद्र के समान शब्द करते हुए, सब्विड्डोए-सर्व ऋद्धि युक्त अर्थात् अनेक विध आभूषण पहने हुए, जाव- यावत्, रबेणं-वाद्य यन्त्रों के स्वरों के साथ, हयगया-अश्वों के सवार, हयगहि-अश्वों के सवारों के साथ, गयगया गयगएहि-हाथी पर बैठे हुए हाथी पर सवारों के साथ, रहगया रहगहि-रथ के सवार रथियों के साथ, पायत्तिया पायत्तिएहि-पैदल सैनिक पैदल सैनिकों के साथ, अन्नमस्नेहि सद्धि परस्पर, संपलग्गा यावि होत्था-युद्ध करने में जुट गए ।।६० ।
मूलार्थ-तब दोनों राजाओं की सेनायें सजधज कर अर्थात् कवचादि पहन कर आ गई, उन्होंने सब तरह के आयुध ग्रहण किये और ढाल बरछी आदि को हाथों में ग्रहण किया। इस प्रकार फलक आदि से, म्यान से बाहर निकाले छोटे, खगों से, स्कन्धों पर