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________________ निरयावलिका सूत्रम् ] ( ३९ ) [ वर्ग - प्रथम गया तो मृत्यु का समय आने पर मर कर चौथी पंकप्रभा नामक पृथ्वी पर स्थित उस हेमाभ नामक नरकावास में नारकी जीव के रूप में उत्पन्न हुआ जिसकी स्थिति सागरोपम की बतलाई गई है ॥२०॥ टीका - तब भगवान महावीर ने गौतमादि मुनियों को भी बुला कर कहा - " हे गौतम! काल कुमार अपनी सर्व सेना से युक्त होकर जब चेटक राजा द्वारा मारा गया, तब वह काल कर के चौथो पङ्कप्रभा नाम वाली पृथ्वी के हेमाभ नाम वाले नरकावास में दस सागरोपम कथ वाले नरक में नारकी के रूप में उत्पन्न हुआ । सारांश यह है कि वह चौथे नरक में दस सागरोपम स्थिति वाला नारकी बना । सूत्र कर्ता ने 'काल मासे कालं किच्चा कहि उववन्ने ?" यह सूत्र दिया है । इसका यह भाव है कि काल मास कहने पर उस मास के जितने पक्ष तिथियाँ तथा दिन और मुहूर्त व्यतीत 'चुके थे उन सबका भी ग्रहण कर लेना चाहिए । और "कहि उववन्ने” इस पद से जीव का अस्तित्व और कर्मों द्वारा गतियों में जाना सिद्ध किया गया है, कारण कि नरक तिर्यंच मनुष्य और देव इन चारों गतियों में जीव कृत-कर्मों के अनुसार ही जाते हैं, किन्तु कर्म-क्षय से सिद्ध-गति को प्राप्त होते हैं। इससे जीव का अनादि अस्तित्व भाव सिद्ध किया गया है । " चउथिए" इत्यादि पदों से नरकों और उनके आवासों की स्थिति बतलाई गई है । 'दस सागरोपम' इत्यादि पदों से नारकी जीवों की आयु सूचित की गई है। आयु के विषय में प्रज्ञापना सूत्र के स्थिति पद का अध्ययन करें। कुछ हस्त लिखित प्रतियों में सम्पूर्ण पाठ इस प्रकार दिया • गया है। "हिंद तिसहस्से हि तिहि रहसहस्सेहिं तिहि मणुय- कोडीह" इत्यादि उत्थानिका - तदनन्तर उसी विषय को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं मूल-काले णं भन्ते ! कुमारे केरिसएहिं भोगेहि केरिसएहि आरम्भेहि केरिसएहिं समारम्भेहि केरिसएहि आरम्भ समारम्भेहि केरिसएहि संभोगेहि केरिसएहि भोग सम्भोगेहि केरिसएण वा असुभ कंड-कम्मपन्भारेणं कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पङ्कप्पभाए पुढवीए जाव नेरइयत्ताए उवधन्ने ? ॥२१॥
SR No.002208
Book TitleNirayavalika Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Swarnakantaji Maharaj
Publisher25th Mahavir Nirvan Shatabdi Sanyojika Samiti Punjab
Publication Year
Total Pages472
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size10 MB
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