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________________ वर्ग-प्रथम] (३८) [ निरयावलिका सूत्रम् करोड़ सैनिकों को साथ लेकर रथ-मूशल संग्राम में युद्ध करते हुए राजा चेटक के कूट (वज्र) जैसे एक ही बाण से मारा गया। वह मृत्यु का समय आने पर मर कर कहां उत्पन्न हुआ ? टीका-इस सूत्र में काल कुमार की मृत्यु के अनन्तर की गति का वर्णन किया गया है। जैसे कि गणधर गौतम ने प्रश्न किया "हे भगवन् ! रथमूसल संग्राम में काल कुमार अपनी सर्व सेना के साथ जब उक्त संग्राम में गया तो वह संग्राम करता हुआ जब चेटक राजा के वाण से मारा गया तब वह मर कर कहां उत्पन्न हुआ ? मूल-गोयमाइ समणे भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! काले कुमारे लिहिं दंतिसहस्सेहिं जाव जीवियाओ ववरोविए समाणे काल. मासे कालं किच्चा च उत्थीए पंकप्पभाए पुडवीए हेमाभे नरगे दससागरोवमठिइएसु नेरइएसु ने इयत्ताए उववन्ने ॥२०॥ छाया-गोयमादि श्रमणो भगवान् गौतममेवमवादोत्-एवं खलु गौतम ! कालः कुमारस्त्रिभिर्दन्तिसहस्रर्यावद् जीविताद् व्यपरोपितः सन् कालमासे कालं कृत्वा चतुर्थ्यां पङ्कप्रभायां पृथिव्यां हेमाभे नरके दशसागरोपमस्थितिकेषु नैरयिकेषु नैरयिकतया उपपन्नः ॥२०॥ पदार्थान्वयः-गोयमाइं–गौतम आदि मुनि-वृन्द को पास बुलाकर, समणे भगवंश्रमण भगवान महावीर, गोयम एवं बयासी-गौतम से इस प्रकार कहने लगे- एवं खल गोयमाहे गौतम इस प्रकार निश्चय ही, काले कमारे-वह काल कुमार, तिहिं दन्तिसहस्सेहि-तीन न हजार हाथियों, जाव-यावत् अर्थात् तीन हजार घोड़ों, तीन हजार रथों और तीन करोड़ सैनिकों को साथ लेकर लड़ते हुए, जीवियाओ-(जब) जीवन से, ववरोविए समाणे -रहित कर दिया गया, (तब वह), कालमासे कालं किच्चा-मृत्यु वेला आते ही मर कर, चउत्थीए-चौथी, पंकप्पभाए पुढवीए-पंकप्रभा नामक पृथ्वी में, हेमाभे नरगे-हेमाभ नामक नरकावास में, दस सागरोवमठिइएसु-दस सागरोपम स्थितिवाले, नेरइएस-नरक में, नेरइयत्ताए-नारकी जीव के रूप में, उववन्ने-उत्पन्न हुआ ।।२०।! मूलार्थ-भगवान ने गौतमादि अन्य मुनियों को भी बुलाकर कहा कि-वह काल कुमार हाथियों, घोड़ों, रथों और सैनिकों आदि को साथ लेकर जब जीवन से रहित हो
SR No.002208
Book TitleNirayavalika Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Swarnakantaji Maharaj
Publisher25th Mahavir Nirvan Shatabdi Sanyojika Samiti Punjab
Publication Year
Total Pages472
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size10 MB
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