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परिशिष्ट
पारिभाषिक शब्द कोश
1. अचित्त-निर्जीव, अचेतन
2. अटवी जंगल, वन
3. अदृष्ट- अदृश्य, प्रत्यक्ष में दिखाई न देने वाला
4. अध्यवसाय परिणाम
5.
6.
7.
अनगार मुनि, साधु, भिक्षु
अनन्त - जिसका कहीं भी अन्तं न हो
अनभिज्ञ - अनजान, हिताहित को नहीं जानने
वाला
8 अनवरत - निरन्तर, लगातार
9. अनादि जिस की आदि न हो
10. अनार्य हिंसा, झूठ, चोरी, व्यभिचार आदि
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दुष्कर्मों में प्रवृत्त व्यक्ति
11. अनासेवित - किसी के द्वारा भोगोपभोग में नहीं लिया हुआ पदार्थ
12. अनुत्तर- सर्व श्रेष्ठ, जिसकी समानता करने वाला दूसरा पदार्थ न हो।
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17. अपुरुषान्तरकृत- जिस पदार्थ को दूसरे व्यक्ति ने अपने उपभोग में नहीं लिया हो
18. अप्कायिक- पानी के जीव
19. अप्रमत्त प्रमाद से रहित, निरन्तर सावधान रहना 20. अभिग्रह- किसी पदार्थ विशेष को ग्रहण करने की प्रतिज्ञा करना
जानने-देखने वाला ज्ञान ।
27. असत्यामृषा-व्यवहार भाषा, झूठ और सत्य से रहित लोक व्यवहार में बोली जाने वाली भाषा 28. असंख्यात संख्यातीत, जिसकी कोई संख्या या गणना न हो
21. अभिलाषा इच्छा, कामना 22. अर्द्ध योजन- चार मील
23. अर्ध पक्व - जो पदार्थ पूर्ण रूप से नहीं पका हो 24. अल्पारंभी - महा-हिंसा से दूर रहने वाला गृहस्थ 25. अवग्रह-पदार्थ, साधु के ग्रहण करने योग्य वस्तुएँ 26. अवधि ज्ञान-मन और इंद्रियों की सहायता के बिना मर्यादित क्षेत्र में स्थित रूपी पदार्थों को
29. असंस्कृत संस्कार हीन, असभ्य
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30. अशस्त्र परिणत शस्त्र के प्रयोग से रहित, जिस पदार्थ पर शस्त्र का प्रयोग नहीं हुआ हो
आगम - शास्त्र, सूत्र, आप्त वाणी
आघर्षण - प्रघर्षण विशेष रूप से घर्षण करना,
31.
32.
13. अनुमोदन समर्थन
14. अनेषणीय-आधाकर्म आदि दोष युक्त, अशुद्ध पदार्थ
15. अन्तराय - विघ्र, पुरुषार्थ करने पर भी इच्छित वस्तु 40. का नहीं मिलना
41.
16. अपक्व कच्चे
42.
रगड़ना
33. आचार्य संघ के शास्ता - संचालक
34. आजीवक- गोशालक के मत के साधु या श्रावक, गोशालक का मत
35. आधाकर्मी - साधु के निमित्त से बनाया गया आहार, पानी, मकान आदि
36. आवृत्त - आच्छादित, ढका हुआ, भीड़ से युक्त मार्ग
37. आसेवित- जिस पदार्थ को गृहस्थ ने अपने काम में ले लिया है।
38. आस्त्रव कर्म वर्गणा के पुद्गलों के आने का मार्ग ।
39. इय समिति भली-भाँति देखकर एवं प्रमार्जन करके चलना
43.
44.
उत्सर्जन त्याग करना, फैंकना
उपरत - निवृत्त, पाप कार्यों से हटा हुआ
उपसर्ग - देव, मनुष्य या पशु-पक्षी द्वारा दिए जाने
वाले कष्ट
उपस्कृत बनाए हुए, तैयार किए हुए
उपाध्याय - श्रमण संघ के श्रमण- श्रमणियों के
शिक्षक
45. उपाश्रय - साधु-साध्वियों के ठहरने या रहने का
स्थान
46. ऋजु गति सरल एवं सौधी गति
49.
47. ऋषभदेव - जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर या अवतार 48. एषणीय आधाकर्म आदि दोषों से रहित पदार्थ औदारिक शरीर-हाड-मांस आदि औदारिक वर्गणा के पुद्गलों - परमाणुओं से बना हुआ शरीर औद्देशिक - साधु-साध्वी के उद्देश्य से बनाए गए पदार्थ
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