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- श्री आचाराङ्ग सूत्रम्, द्वितीय श्रुतस्कन्ध (आ+कुट्ट) धातु को हिंसार्थक माना है और आउट्टइ, आउट्टेइ, आउट्टानी, आउट्टिया, आउट्टे, आउट्टेजा, आउट्टितए और आउट- आवृत्त शब्द से भी दिया है। परन्तु प्रस्तुत प्रसंग में 'आउट्टिए' पद का सम्मुख करना अर्थ ही संगत प्रतीत होता है।
॥ प्रथम उद्देशक समाप्त॥
१. अर्द्धमागधी कोष, भाग २, पृ०११