________________
हार्दिक धन्यवाद
एस.एस. जैन श्रीसंघ मालेर कोटला उत्तर भारत का सुविख्यात श्री संघ है। यहां स्थानकवासी श्री संघ का शताब्दियों से वर्चस्व रहा है। यहां के श्रावक और श्राविकाएं जैन धर्म के प्रति पूर्णतः समर्पित और भद्र व सरल हैं। श्रमण और श्रमशियों के प्रति श्रद्धा जैन और जैनेतर वर्ग में समान रूप से देखने को मिलती है। इस नगर में हिन्दु, मुस्लिम, जैन आदि सभी वर्ग शुरू से ही पारस्परिक प्रेम, भ्रातृत्व और सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते हैं ।
मालेर कोटला नगर एक ऐतिहासिक नगर है। यहां का जैन इतिहास भी काफी प्राचीन है। यह नगर आचार्य प्रवर श्री मोतीराम जी महाराज की तपोभूमि के रूप में जैन जगत में प्रसिद्ध है। यहां पर कई महान संतों के चातुर्मास समय-समय पर होते रहे हैं। जिनमें आचार्य श्री आनन्द ऋषि जी मo का चातुर्मास विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
वर्तमान (सन् 2003) में श्रमण संघीय चतुर्थ पट्टधर आचार्य सम्राट श्री शिव मुनि जी महाराज का चातुर्मास प्रगति पर है। आचार्य श्री का यह चातुर्मास अविस्मरणीय और ऐतिहासिक रहा है। जप, तप और ध्यान की अपूर्व लहर नगर के आबालवृद्ध में दिखाई दे रही है। ___ मालेर कोटला नगर निवासियों में अपूर्व धर्म श्रद्धा के साथ-साथ श्रुतसेवा और दान के प्रति भी काफी भाव है। उसी भाव का परिणाम है प्रस्तुत आगम का प्रकाशन। आत्म-ज्ञान-श्रमण-शिव आगम प्रकाशन समिति श्रीसंघ मालेर कोटला का तथा सहयोगी भाई-बहनों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करती है।
आत्म-ज्ञान-श्रमण-शिव आगम प्रकाशन समिति